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“Indian Army's 'D5' Motorcycle Expedition” started to commemorate 25 years of Kargil Vijay
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कारगिल विजय के 25 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्‍य में ‘’भारतीय सेना का ‘डी5’ मोटर साइकिल अभियान’’ शुरू

कारगिल युद्ध के वीरों की वीरता और बलिदान को श्रद्धांजलि अर्पित करने के रूप में, भारतीय सेना ने 1999 के कारगिल युद्ध में पाकिस्तान पर भारत की विजय की 25वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में आज एक अखिल भारतीय मोटरसाइकिल अभियान शुरू किया है। यह अभियान हमारे वीर सैनिकों के महत्वपूर्ण योगदान का प्रदर्शन और उनकी विरासत का सम्मान करता है।

आठ मोटरसाइकिलों की तीन टीमों ने देश के तीन कोनों- पूर्व में दिनजन, पश्चिम में द्वारका और दक्षिण में धनुषकोडि से इस ऐतिहासिक यात्रा की शुरुआत की है। ये साइकिल सवार विभिन्न इलाकों और चुनौती भरे मार्गों को पार करेंगे, जो हमारे सशस्त्र बलों की एकता और लचीलेपन का प्रतीक है। अपने रास्ते में, सवार कारगिल युद्ध के नायकों, दिग्गजों और वीर नारियों से संपर्क करेंगे जो उनके रास्ते में आने वाले विभिन्न स्थानों पर रह रहे हैं। वे मार्ग में विभिन्‍न युद्ध स्मारकों पर भी श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे, जन जागरूकता बढ़ाएंगे और युवाओं को भारतीय सेना में शामिल होने के लिए भी प्रेरित करेंगे।

पूर्वी मार्ग में दिनजन से दिल्ली तक की आवाजाही शामिल है, जो लगभग 2,489 किलोमीटर की दूरी तय करते हुए जोरहाट, गुवाहाटी, बिनागुरी, कटिहार, दानापुर, गोरखपुर, लखनऊ और आगरा से गुजरेगी।

पश्चिमी मार्ग में द्वारका से ध्रांगधरा, अहमदाबाद, उदयपुर, जोधपुर, अजमेर, जयपुर और अलवर होते हुए दिल्ली तक की आवाजाही शामिल है। इस प्रकार यह लगभग 1,565 किलोमीटर की दूरी तय करेगी।

दक्षिणी मार्ग में धनुषकोडि से दिल्ली तक मदुरै, कोयम्बटूर, बेंगलुरु, अनंतपुर, हैदराबाद, नागपुर, भोपाल, ग्वालियर और अलवर होते हुए लगभग 2,963 किलोमीटर की आवाजाही शामिल है।

ये टीम 26 जून को दिल्ली में एकत्र होंगी और दो अलग-अलग मार्गों से द्रास के लिए रवाना होंगी। एक मार्ग अंबाला, अमृतसर, जम्मू, ऊधमपुर और श्रीनगर होते हुए 1,085 किलोमीटर की दूरी तय करता है जबकि दूसरा चंडीमंदिर, मनाली, सरचू, न्योमा, तंगत्से और लेह के माध्यम से 1,509 किलोमीटर की दूरी तय करता है। इस अभियान का समापन में द्रास के गन हिल में होगा, जो कारगिल युद्ध के दौरान अपने रणनीतिक महत्व के लिए इतिहास में अंकित एक स्थान है। अभियान का यह अंतिम चरण न केवल बहादुरी के मार्ग पर फिर से आगे बढ़ेगा, बल्कि यह हमारे सैनिकों की अथक भावना और समर्पण की याद दिलाने का भी काम करेगा।

सभी प्रमुख स्थानों पर वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों, पूर्व सैनिकों, वीर नारियों और विशिष्ट अतिथियों को शामिल करने के लिए प्रतिष्ठित गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में फ्लैग ऑफ और फ्लैग-इन समारोह आयोजित किए जाएंगे, जो इन सवारों और उनके द्वारा प्रतिनिधित्व किए जाने वाले उद्देश्य का अभिनंदन करेंगे। कारगिल युद्ध के दिग्गजों और वीर नारियों को भी युद्ध के दौरान उनके बलिदान और दृढ़ संकल्‍प को मान्यता देते हुए सम्मानित किया जाएगा।

इस अभियान का नेतृत्व तोपखाने की रेजिमेंट कर रही है जिसने ऑपरेशन विजय में सफलता सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। भारतीय सशस्त्र बलों के पक्ष में स्थिति बदलने में तोपखाने की सटीकता, मारक क्षमता और रणनीतिक समर्थन महत्वपूर्ण सिद्ध हुए थे। जैसे-जैसे सवार देश के कोने-कोने की यात्रा करेंगे, वे अपने अदम्‍य साहस, त्याग और देशभक्ति की कहानियों को साथ ले जाएंगे। यह अभियान केवल श्रद्धांजलि ही नहीं है, बल्कि भारतीय सेना की स्थायी भावना का प्रतीक भी है।

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