इंडियन सोसाइटी ऑफ एयरोस्पेस मेडिसिन इंस्टीट्यूट (आईएसएएम) का 63वां वार्षिक सम्मेलन 05 से 07 दिसंबर, 2024 तक बेंगलुरु में ओल्ड एयरपोर्ट रोड पर स्थित इंस्टीट्यूट ऑफ एयरोस्पेस मेडिसिन (आईएएम) में आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम का उद्घाटन 05 दिसंबर, 2024 को वायुसेना उप प्रमुख (वीसीएएस) एयर मार्शल एसपी धारकर द्वारा बेंगलुरु और देश के अन्य हिस्सों से आए सैन्य एवं असैन्य गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में किया गया। ‘अनुसंधान के लिए सहयोग’ विषय पर आयोजित इस कार्यक्रम में एयरोस्पेस मेडिसिन सोसायटी के संबद्ध भागीदारों के सामूहिक प्रयासों से नए क्षितिज तलाशने और साथ ही जड़ों से जुड़े रहने के दृढ़ संकल्प को दर्शाया गया है।
वायुसेना उप प्रमुख ने अपने उद्घाटन भाषण में रक्षा बलों में ‘आत्मनिर्भरता’ हासिल करने में सहयोग के महत्व पर बल दिया। उन्होंने एयरोस्पेस मेडिसिन में युवा अकादमिक उपलब्धि हासिल करने वालों को भी सम्मानित किया। महानिदेशक चिकित्सा सेवाएं (वायु) एयर मार्शल राजेश वैद्य ने कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए भारतीय वायु सेना की चिकित्सा सेवाओं की विभिन्न सहयोगात्मक उपलब्धियों पर प्रकाश डाला।
भारतीय वायुसेना के पहले वायुसेना प्रमुख के सम्मान में स्थापित प्रतिष्ठित एयर मार्शल सुब्रतो मुखर्जी स्मारक व्याख्यान आईआईटी मद्रास के एयरोस्पेस इंजीनियरिंग विभाग की प्रोफेसर ऑफ प्रैक्टिस और प्रतिष्ठित वैज्ञानिक व पूर्व निदेशक डीएचएसपी इसरो डॉ. वीआर ललिताम्बिका द्वारा दिया गया। ‘अगली बड़ी छलांग: भारत के मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम पर मेरे विचार’ विषय पर उनके व्याख्यान ने प्रतिनिधियों को अंतरिक्ष क्षेत्र से परिचित कराया। इसके अलावा उन्हें मानव अंतरिक्ष अन्वेषण में देश के अग्रणी कार्यकर्मों के बारे में भी जानकारी दी गई। उनका यह व्याख्यान कई प्रतिष्ठित हस्तियों के पदचिन्हों पर आधारित था, जिनमें डॉ. राजा रमन्ना, डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम, माधवन नायर, डॉ. नरेश त्रेहान, विंग कमांडर राकेश शर्मा (सेवानिवृत्त) और सैयद किरमानी शामिल थे, जिन्होंने सम्मेलन के पूर्व संस्करणों में यह प्रतिष्ठित व्याख्यान दिया था।
विमानन चिकित्सा के क्षेत्र में एक प्रख्यात शख्स और ‘विमानन चिकित्सा के जनक’ के रूप में लोकप्रिय एयर वाइस मार्शल एमएम श्रीनागेश के सम्मान में स्थापित एयर वाइस मार्शल एमएम श्रीनागेश मेमोरियल व्याख्यान ऋषि वैली ग्रामीण स्वास्थ्य केंद्र के विंग कमांडर कार्तिक कल्याणराम (सेवानिवृत्त) द्वारा दिया गया। उन्होंने ‘कम संसाधन वाले परिवेश के लिए प्रभावी रणनीतियां: मेरी भारतीय वायुसेना यात्रा से प्राप्त अंतर्दृष्टि’ विषय पर चर्चा की। विंग कमांडर ने जरूरतमंद ग्रामीण आबादी को स्वास्थ्य देखभाल प्रदान करने के लिए अपने भारतीय वायुसेना अनुभव के अभिनव एवं सहानुभूतिपूर्ण अनुप्रयोग को प्रदर्शित किया।
सम्मेलन के अन्य प्रमुख बिंदुओं में ‘जेमी हरमुसजी फ्रामजी मानेकशॉ पैनल’ चर्चा भी शामिल है, जिसमें शनमुघा कला, विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं अनुसंधान अकादमी (एसएएसटीआरए), राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय के परियोजना प्रमुख डॉ. एसएल वाया और डॉ. हनुमंतराय बालुरागी, निदेशक, मानव अंतरिक्ष कार्यक्रम निदेशालय (डीएचएसपी), इसरो का अतिथि व्याख्यान हुआ। सम्मेलन में विमानन चिकित्सा, अंतरिक्ष फिजियोलॉजी एवं चिकित्सा और अत्यधिक ऊंचाई पर फिजियोलॉजी जैसे विविध विषयों पर वैज्ञानिक विचार-विमर्श किया गया, जिससे एयरोस्पेस चिकित्सा के संबंध में बहुमूल्य जानकारी प्राप्त हुई। इस संगोष्ठी में एयरोस्पेस मेडिसिन के बहुआयामी अभ्यास का उत्सव मनाया गया और भारत में एयरोस्पेस मेडिसिन पहल को आगे बढ़ाने में आईएएम के अभिनव प्रयासों को प्रदर्शित किया गया।
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