खुफिया ब्यूरो (आईबी) के प्रमुख तपन कुमार डेका को सोमवार को जून 2025 तक एक साल का सेवा विस्तार दिया गया। कार्मिक मंत्रालय के एक आदेश में यह जानकारी दी गई। डेका हिमाचल प्रदेश कैडर के 1988 बैच के भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के अधिकारी हैं। उन्हें आतंकवाद और कट्टरपंथ से संबंधित मामलों को संभालने में सराहनीय विशेषज्ञता रखने वाले एक ‘बेहतरीन जासूस’ के तौर पर जाना जाता है।
कार्मिक मंत्रालय द्वारा जारी एक आदेश में कहा गया है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता वाली मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति ने 30 जून 2024 से आगे एक वर्ष की अवधि के लिए डेका को खुफिया ब्यूरो के निदेशक के रूप में विस्तार देने को मंजूरी दे दी है।
कार्मिक मंत्रालय के आदेश के मुताबिक उनका सेवा विस्तार एफआर 56 (डी) और अखिल भारतीय सेवाएं (मृत्यु सह सेवानिवृत्ति लाभ) नियम, 1958 के नियम 16 (1 ए) के प्रावधानों में छूट देते हुए किया गया है। ये नियम केंद्र सरकार को सार्वजनिक हित में आईबी और रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) के प्रमुखों, कैबिनेट सचिव, गृह सचिव और अन्य की सेवाओं को 60 वर्ष की सेवानिवृत्ति आयु के बाद बढ़ाने की अनुमति देते हैं। राजनीतिक क्षेत्र और खुफिया बिरादरी में संकट प्रबंधक के रूप में जाने जाने वाले डेका को जून 2022 में दो साल के लिए आईबी प्रमुख नियुक्त किया गया था। उनका कार्यकाल इस महीने समाप्त होने वाला था।
डेका को विशेष रूप से जम्मू-कश्मीर के साथ-साथ देश के पूर्वोत्तर क्षेत्र में चलाए जाने वाले ‘अभियानों’ का विशेषज्ञ माना जाता है। डेका ने आईबी की कमान संभालने से पहले दो दशक से अधिक समय तक आईबी के अभियान प्रकोष्ठ के प्रमुख के रूप में कार्य किया। वर्ष 2008 में 26/11 मुंबई हमले के दौरान जवाबी हमलों के प्रभारी भी वे ही थे। आतंकवाद और इस्लामी कट्टरपंथ से संबंधित मामलों को संभालने में माहिर डेका ने आतंकवादी समूह इंडियन मुजाहिदीन के खिलाफ अभियान का भी नेतृत्व किया था।