समुद्रों में बिछाए गए दूरसंचार केबलों की प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय सलाहकार निकाय का गठन किया गया
समुद्रों में बिछाए गए दूरसंचार केबल वैश्विक संचार की रीढ़ हैं, जो इंटरनेट संबंधी 99 प्रतिशत गतिविधियों को सक्षम बनाते हैं और वाणिज्य, वित्त, सरकारी संचालन, डिजिटल स्वास्थ्य और शिक्षा जैसी महत्वपूर्ण सेवाओं में मदद करते हैं। हालाँकि, इन केबल के क्षतिग्रस्त होने का खतरा अधिक हैं और हर साल वैश्विक स्तर पर इनमें अनुमानित 150-200 (फाल्ट) कमियां देखी गई है। मछली पकड़ने, लंगर डालने, प्राकृतिक खतरों और उपकरणों की विफलता सहित कई कारकों से इन्हें काफी नुकसान होता है।
बढ़ती चुनौतियों से निपटने और इस महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे की प्रतिरोधक क्षमता लगातार सुनिश्चित करने के लिए, अंतर्राष्ट्रीय दूरसंचार संघ (आईटीयू) और अंतर्राष्ट्रीय केबल संरक्षण समिति (आईसीपीसी) ने संयुक्त रूप से समुद्री केबल प्रतिरोधक क्षमता के लिए अंतर्राष्ट्रीय सलाहकार निकाय की शुरुआत की है। इस पहल का उद्देश्य समुद्री केबलों की प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करना है, जो वैश्विक डिजिटल अर्थव्यवस्था के लिए आवश्यक हैं।
सलाहकार निकाय की भूमिका और वैश्विक प्रतिनिधित्व
नवगठित अंतर्राष्ट्रीय सलाहकार निकाय केबल की प्रतिरोधक क्षमता को बेहतर बनाने, नुकसान के जोखिम को कम करने और इन महत्वपूर्ण प्रणालियों की त्वरित मरम्मत और इन्हें बिछाने को सुनिश्चित करने के लिए सदस्य देशों और उद्योगों में सर्वोत्तम विधियों को बढ़ावा देने की दिशा में काम करेगा। सलाहकार निकाय बढ़ते यातायात, पुराने बुनियादी ढांचे और समुद्री केबलों के लिए बढ़ते पर्यावरणीय खतरों से संबंधित चुनौतियों का समाधान करने के लिए नीतिगत मार्गदर्शन भी प्रदान करेगा।
विश्व के 40 सदस्य देशों से मिलकर बने इस निकाय में मंत्री, विनियामक प्राधिकरणों के प्रमुख और दूरसंचार के वरिष्ठ विशेषज्ञ शामिल हैं जो एक विविध वैश्विक परिप्रेक्ष्य को दर्शाता है। इस निकाय के सदस्यों में छोटे द्वीप राष्ट्रों से लेकर बड़ी अर्थव्यवस्था वाले देश शामिल है। निकाय का सामूहिक अनुभव उन लोगों की आजीविका को पूरा करने में मदद करेगा जो इस महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे को स्थापित करने, रखरखाव और सुरक्षा के लिए जिम्मेदार हैं।
नेतृत्व और बैठकें
सलाहकार निकाय की सह-अध्यक्षता नाइजीरिया के संचार, नवाचार और डिजिटल अर्थव्यवस्था मंत्री बोसुन तिजानी और पुर्तगाल के राष्ट्रीय संचार प्राधिकरण (एएनएकॉम) के निदेशक मंडल के अध्यक्ष प्रोफेसर सैंड्रा मैक्सिमियानो द्वारा की जाएगी।
यह निकाय अंतरराष्ट्रीय नीतियों, दूरसंचार अवसंरचना और प्रतिरोधक क्षमता में सुधार के लिए सर्वोत्तम विधियों पर परामर्श करने के लिए वर्ष में कम से कम दो बार बैठक करेगा। इसकी आनलाइन उद्घाटन बैठक 12 दिसंबर 2024 को निर्धारित है, जिसके बाद फरवरी 2025 में नाइजीरिया के अबुजा में समुद्री केबल प्रतिरोधक क्षमता शिखर सम्मेलन आयोजित किया जाएगा।
समुद्री केबल अवसंरचना में भारत की भूमिका
वैश्विक समुद्री केबल नेटवर्क में भारत की अहम भूमिका है। देश में मुंबई, चेन्नई, कोचीन, तूतीकोरिन और त्रिवेंद्रम में स्थित 14 अलग-अलग लैंडिंग स्टेशनों पर लगभग 17 अंतर्राष्ट्रीय जलमग्न केबल हैं। वर्ष 2022 के अंत तक, इन केबलों की इंटरनेट गतिविधियों को संभालने की कुल लिट क्षमता और सक्रिय क्षमता क्रमशः 138.606 टीबीपीएस और 111.111 टीबीपीएस थी।
समुद्री केबल अवसंरचना में शामिल भारतीय दूरसंचार ऑपरेटरों में शामिल हैं:
- टाटा कम्युनिकेशंस, जिसके पास मुंबई, चेन्नई और कोचीन में पांच केबल लैंडिंग स्टेशन हैं।
- ग्लोबल क्लाउड एक्सचेंज (पूर्व में रिलायंस ग्लोबलकॉम), जिसके मुंबई और त्रिवेंद्रम में स्टेशन हैं।
- रिलायंस जियो, चेन्नई और मुंबई में केबल लैंडिंग स्टेशन और नई परियोजनाएं चल रही हैं।
- भारती एयरटेल, चेन्नई और मुंबई में स्टेशन संचालित कर रही है, तथा 2अफ्रीकी/ईएमआईसी-1 और एसईए-एमई डब्ल्यूई 6 केबल भी बिछा रही है।
- सिफी टेक्नोलॉजीज और बीएसएनएल दोनों विभिन्न प्रकार के केबल लैंडिंग स्टेशनों के संचालन में शामिल हैं।
- वोडाफोन और आईओएक्स की, आईओएक्स पुडुचेरी में एक नया केबल लैंडिंग स्टेशन बनाने की योजना है।
आईसीपीसी के बारे में
1958 में स्थापित अंतर्राष्ट्रीय केबल सुरक्षा समिति (आईसीपीसी) समुद्री केबल उद्योग में शामिल देशों और वाणिज्यिक संस्थाओं के लिए एक वैश्विक मंच है। इसका प्राथमिक उद्देश्य तकनीकी, कानूनी और पर्यावरणीय संबंधी सूचनाओं के आदान-प्रदान के लिए एक मंच प्रदान करके समुद्री केबल की सुरक्षा को बढ़ाना है।
समुद्री केबल प्रतिरोधक क्षमता की पृष्ठभूमि
समुद्री केबल वैश्विक संचार की नींव हैं, जो विभिन्न महाद्वीपों और बाजारों को जोड़ते हैं। वर्ष 2024 तक, 500 से अधिक सक्रिय और नियोजित समुद्री केबल सिस्टम क्रियाशील है, जो उच्च दक्षता के साथ भारी मात्रा में डेटा संचारित करते हैं।
इन आधुनिक केबलों को उच्च दक्षता के साथ लंबी दूरी पर भारी मात्रा में डेटा संचारित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। बाहरी सुरक्षात्मक परत गहरे समुद्र के दबाव, जंग और समुद्री गतिविधि जैसे पर्यावरणीय खतरों से बचाती है। इसकी कोर फाइबर स्ट्रैंड न्यूनतम सिग्नल हानि के साथ उच्च गति वाले डेटा ट्रांसमिशन के लिए अनुकूलित हैं। यह बुनियादी ढांचा वित्तीय कारोबार, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग और लाइव स्ट्रीमिंग जैसे वास्तविक समय अनुप्रयोगों के लिए अपरिहार्य है।
डिजाइन से लेकर इन्हें बिछाने तक, एक समुद्री केबल को चालू होने में दो साल से ज़्यादा का समय लग सकता है। यह समयसीमा कई कारकों से प्रभावित होती है, जिसमें धनराशि आबंटन, अनुमति और विनियामक आवश्यकताओं को पूरा करना और पर्यावरण तथा परिचालन आवश्यकताओं से जुड़े विषय शामिल है।
इस बुनियादी ढांचे को पर्यावरणीय खतरों, पुरानी प्रणालियों और जटिल नियामक ढांचे के कारण बढ़ती चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।
वर्ष 2023 में, दुनिया भर में 200 से ज़्यादा केबल केबल की मरम्मत की रिपोर्ट की गई, जो इस महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे की कमज़ोरियों को उजागर करती है। समुद्री केबल प्रणाली में किसी भी गड़बड़ी के दूरगामी परिणाम हो सकते हैं, जिसमें आर्थिक अस्थिरता, सुरक्षा संबंधी चिंताएँ और लाखों लोगों के लिए इंटरनेट पहुंच संबंधी व्यवधान शामिल हैं।
वैश्विक प्रतिरोधक क्षमता में आईटीयू का योगदान
डिजिटल प्रौद्योगिकियों के लिए संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी के रूप में अंतर्राष्ट्रीय दूरसंचार संघ (आईटीयू) वैश्विक संचार में समुद्री केबलों की महत्वपूर्ण भूमिका को मान्यता देता है। आईटीयू सहयोग, मानक-निर्धारण और तकनीकी मार्गदर्शन के माध्यम से इन केबलों की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के प्रयासों में सबसे आगे है। समुद्री केबल प्रतिरोधक क्षमता पर अंतर्राष्ट्रीय सलाहकार निकाय के माध्यम से, आईटीयू का लक्ष्य समुद्री केबल बुनियादी ढांचे को सुरक्षित करने, केबल रखरखाव, इन्हें होने वाले नुकसान की रोकथाम, व्यवधानों के बाद त्वरित रूप से प्रणाली को ठीक करने और इस उद्योग से जुड़ी बेहतर विधियों को अपनाने जैसे मुद्दों पर ध्यान देना है।