हाल ही में केरल के वायनाड में हुए विनाशकारी भूस्खलन को देखते हुए भारतीय वायु सेना ने राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल और राज्य प्रशासन जैसी अन्य एजेंसियों के साथ समन्वय करके 30 जुलाई 24 की सुबह से बचाव और राहत अभियान शुरू किया।
भारतीय वायु सेना के परिवहन विमानों ने महत्वपूर्ण रसद आपूर्ति के साथ-साथ निकासी कार्यों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। सी-17 विमान ने बचाव सहायता कार्यों के लिए बेली ब्रिज, डॉग स्क्वॉड, चिकित्सा सहायता और अन्य आवश्यक उपकरणों जैसी 53 मीट्रिक टन आवश्यक साजो-सामान की आपूर्ति की है। इसके अतिरिक्त, राहत सामग्री और कर्मियों को लाने-ले जाने के लिए एएन-32 और सी-130 का उपयोग किया जा रहा है। सामूहिक रूप से, भारतीय वायुसेना के इन विमानों ने बचाव दलों को आपदाग्रस्त क्षेत्रों में पहुंचाकर विस्थापित निवासियों सहित 200 से अधिक लोगों को वहां से निकाला है। यद्यपि चुनौतीपूर्ण मौसम के कारण उड़ान भरने में बाधा आ रही है, लेकिन विपरीत परिस्थितियों के बावजूद भारतीय वायुसेना मानवीय सहायता और आपदा राहत (एचएडीआर) ऑपरेशन के लिए कार्यरत है।
वायुसेना ने इस कार्य के लिए हेलीकॉप्टरों का एक विविध बेड़ा तैनात किया है। एमआई-17 और ध्रुव एडवांस्ड लाइट हेलीकॉप्टर (एएलएच) को मानवीय सहायता और आपदा राहत अभियान में शामिल किया गया है। व्यापक रूप से खराब मौसम की स्थिति के बावजूद, भारतीय वायुसेना के विमान 31 जुलाई 24 की देर शाम तक फंसे हुए लोगों को निकटतम चिकित्सा सुविधाओं और सुरक्षित क्षेत्रों में पहुंचाने और आवश्यक आपूर्ति पहुंचाने में लगे हुए थे। बचाव अभियान के चलते इन हेलीकॉप्टरों ने प्रभावित क्षेत्रों से बड़ी संख्या में लोगों को हवाई मार्ग से सुरक्षित निकाला है। भारतीय वायुसेना केरल के आपदाग्रस्त लोगों को हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।
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