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Lok Sabha Secretariat and MeitY sign MoU to launch “Sansad Bhashini” for AI-powered multilingual parliamentary operations
भारत

लोकसभा सचिवालय और MeitY ने एआई-संचालित बहुभाषी संसदीय संचालन के लिए “संसद भाषिणी” शुरू करने के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव की उपस्थिति में संसद एआई सॉल्यूशन के विकास के लिए लोकसभा सचिवालय और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवाई) के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। संसद भाषिणी पहल का उद्देश्य संसदीय कार्यों में बहुभाषी समर्थन और सुव्यवस्थित प्रक्रियाओं के लिए व्यापक इन-हाउस एआई समाधान प्रदान करना है। संसद भाषिणी का उद्देश्य संसद से जुड़े कार्यों के संचालन में विभिन्न भाषाओं की सुविधा प्रदान करने और इससे जुड़ी प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित बनाने के लिए एक व्यापक इन हाउस एआई समाधान प्रदान करना है।

लोकसभा सचिवालय और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने संसदीय आंकड़ों के संग्रह की मदद से प्रोडक्टस/टूल्स विकसित करने के लिए समन्वय और सहयोग पर सहमति व्यक्त की है। संसद द्वारा उपलब्ध कराए गए संसदीय डेटा और संसाधनों का उपयोग एआई प्रोडक्टस/टूल्स को बेहतर बनाने के लिए किया जाएगा। दूसरी ओर भाषिणी से अनुवाद की सुविधा और अन्य तकनीकी विशेषज्ञता उपलब्ध होगी।

संसद भाषिणी के तहत प्रमुख एआई पहल निम्नानुसार हैं:

  1. एआई-आधारित अनुवाद
  • वाद-विवाद के ऐतिहासिक दस्तावेजों, एजेंडा फाइलों, समिति की बैठकों और अन्य संसदीय सामग्री का क्षेत्रीय भाषाओं में निरंतर अनुवाद करना।
  • सभी लोगों को विभिन्न भाषाओं में महत्वपूर्ण जानकारी उपलब्ध कराना।
  1. संसद की वेबसाइट के लिए एआई-संचालित चैटबॉट
  • एक अत्याधुनिक इंटरैक्टिव चैटबॉट जिससे सदस्यों और अधिकारियों को प्रक्रिया संबंधी महत्वपूर्ण नियमों और दस्तावेजों खोजने में मदद मिलेगी ।
  • उपयोग करने वाले तत्काल सटीक सूचना प्राप्त कर पाएंगे, जिससे महत्वपूर्ण संसदीय नियमों और पद्धतियों को खोजने में कम समय लगेगा।
  • उपयोगकर्ताओं द्वारा चैटबॉट का उपयोग किए जाने से इसकी क्षमता निरंतर बढ़ेगी और इसमें सुधार होगा। साथ ही साथ समय के साथ-साथ इसकी दक्षता में भी वृद्धि होगी ।
  1. स्पीच-टू-टेक्स्ट रूपांतरण और साथ-साथ भाषांतरण
  • एक क्रांतिकारी प्रणाली जो रियल टाइम में ट्रांसक्रिप्शन के साथ सभा में होने वाले वाद-विवाद को टेक्स्ट में बदल देगी।
  • यह सुविधा भारतीय भाषाओं में उपलब्ध होगी, जिससे यह सुनिश्चित होगा कि बहस (वाद-विवाद) को आसानी से रिकॉर्ड किया जा सके, उन तक पहुंचा जा सके और उनका संदर्भ दिया जा सके।
  • इसमें बैकग्राउण्ड नॉइज रिडक्शन, अनुकूलन योग्य शब्दावली और कुशल डॉक्युमेंटेशन टूल्स भी शामिल होंगे, जिससे इसकी सटीकता बढ़ेगी ।
  1. रियल-टाइम ट्रांसक्रिप्शन के साथ स्पीच-टू-स्पीच रूपांतरण
  • इस पहल से रियल-टाइम में भाषण का रूपांतरण और अनुवाद होगा, जिससे यह सुनिश्चित होगा कि चर्चा और बहस विभिन्न भाषाओं में तत्काल उपलब्ध हों।
  • लंबी चर्चाओं का सारांश अपने-आप तैयार होने से त्वरित निर्णय लेने और बेहतर रिकॉर्ड रखने में मदद करेगा।

इस अवसर पर उपस्थित केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री, अश्विनी वैष्णव ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को इस पहल का सहयोग करने के लिए धन्यवाद दिया और आशा व्यक्त की कि यह पहल अत्याधुनिक एआई समाधानों के माध्यम से संसदीय प्रक्रियाओं में बदलाव लाएगी । उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि ‘संसद भाषिणी’ से विभिन्न भाषाओं में जानकारी उपलब्ध होगी, विधायी दस्तावेजीकरण सुव्यवस्थित होगा और प्रौद्योगिकी-संचालित शासन में भारत की स्थिति मजबूत होगी।

इस अवसर पर लोकसभा के महासचिव उत्पल कुमार सिंह उपस्थित थे। लोकसभा सचिवालय के संयुक्त सचिव गौरव गोयल ने लोक सभा सचिवालय की ओर से समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।

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