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Ministry of AYUSH and Department of Social Justice & Empowerment sign MoU to improve geriatric healthcare and combat substance abuse
भारत

आयुष मंत्रालय और सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग ने वृद्धावस्था स्वास्थ्य सेवा को बेहतर बनाने और मादक द्रव्यों के सेवन से निपटने के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए

वरिष्ठ नागरिकों की बेहतरी के लिए और मादक द्रव्यों के सेवन की बढ़ती समस्या को दूर करने के उद्देश्य से एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए आयुष मंत्रालय और सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग ने आज नई दिल्ली में एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। इस रणनीतिक साझेदारी का उद्देश्य वृद्धों की स्वास्थ्य सेवा को बेहतर बनाने और मादक द्रव्यों के सेवन से निपटने के लिए आयुष-आधारित उपायों को लागू करना है।

आयुष मंत्रालय के केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) प्रतापराव जाधव और सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के केंद्रीय राज्य मंत्री बीएल वर्मा की उपस्थिति में समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। इस अवसर पर आयुष मंत्रालय के सचिव वैद्य राजेश कोटेचा, सचिव अमित यादव और दोनों मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।

इस अवसर पर बोलते हुए आयुष मंत्रालय के केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) प्रतापराव जाधव ने कहा, “बुजुर्गों की स्वास्थ्य देखभाल और मादक द्रव्यों का सेवन ऐसे महत्वपूर्ण क्षेत्र हैं जिन पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है, विशेषरूप से इसलिए क्योंकि हम बढ़ती वृद्धों की आबादी और नशे की लत से जुड़ी बढ़ती चिंताओं का सामना कर रहे हैं। आयुष मंत्रालय और सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के बीच यह सहयोग इन चुनौतियों से निपटने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। सामाजिक कल्याण पहलों के साथ-साथ आयुष प्रणालियों के समग्र दृष्टिकोण का लाभ उठाकर, हमारा लक्ष्य वरिष्ठ नागरिकों और मादक द्रव्यों के सेवन से प्रभावित लोगों को सशक्त बनाना है।”

इस अवसर पर उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के केंद्रीय राज्य मंत्री बीएल वर्मा ने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में हमारी सरकार ने वरिष्ठ नागरिकों के कल्याण को सुनिश्चित करने के लिए कई कदम उठाए हैं। आयुष मंत्रालय के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर होने से हमारे वरिष्ठ नागरिकों को बड़े पैमाने पर लाभ होगा। समझौता ज्ञापन के अंतर्गत बुजुर्गों के लिए विशेष प्रशिक्षण मॉड्यूल, उपचार प्रोटोकॉल, योग प्रशिक्षण कार्यक्रम, निवारक और उपचारात्मक प्रथाओं को साझा करना आदि का विकास हमारे वरिष्ठ नागरिकों को स्वस्थ जीवन जीने में सक्षम बनाने में तय करेगा। आयुष मंत्रालय के साथ हाथ मिलाकर, मुझे यकीन है कि हम मिलकर समुदाय को व्यापक सेवाएं प्रदान कर सकते हैं। ”

आयुष मंत्रालय के सचिव वैद्य राजेश कोटेचा ने वृद्धजनों के स्वास्थ्य देखभाल के लिए आयुष मंत्रालय की पहलों पर प्रकाश डालते हुए कहा, “हमारे पास वृद्धजनों के समक्ष आ रही चुनौतियों से निपटने के लिए विभिन्न कार्यक्रम और पहल हैं, जैसे कि राष्ट्रीय आयुष मिशन के अंतर्गत वृद्धजनों के स्वास्थ्य देखभाल शिविर। आयुष मंत्रालय वरिष्ठ नागरिकों के स्वास्थ्य और कल्याण को बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है, और यह समझौता ज्ञापन वरिष्ठ नागरिकों को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य देखभाल प्रदान करने के हमारे प्रयासों को बढ़ावा देगा।”

सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के सचिव अमित यादव ने कहा, “आयुष मंत्रालय के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करके, आयुष के उपचार के उनके मॉडल को अपनाकर और स्वस्थ जीवन जीकर इस देश को किसी भी तरह की नशीली दवाओं की लत से मुक्त स्थान बनाने की कोशिश करेगा। और यह सुनिश्चित करेगा कि आयुष मंत्रालय के माध्यम से तैयार किए गए उपायों को अपनाकर हमारे वरिष्ठ नागरिक स्वस्थ और सम्मानजनक जीवन जी सकें।

यह समझौता ज्ञापन वरिष्ठ नागरिकों और मादक द्रव्यों के सेवन से प्रभावित लोगों के बीच स्वास्थ्य संवर्धन के लिए सहकारी पहल विकसित करने की दिशा में एक अग्रणी कदम है। आयुष प्रणालियों की ताकत का लाभ उठाकर, दोनों मंत्रालय जागरूकता कार्यक्रमों, सेवा प्रदाताओं के लिए क्षमता निर्माण और आयुष स्वायत्त निकायों के अंतर्गत वृद्धावस्था स्वास्थ्य और नशामुक्ति इकाइयों की स्थापना सहित विभिन्न पहलों पर एक साथ काम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

समझौता ज्ञापन के मुख्य उद्देश्य:

  1. सहयोगात्मक प्रयास: आयुष मंत्रालय और सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के बीच सहयोग, अभिसरण और तालमेल विकसित करना ताकि वरिष्ठ नागरिकों के स्वास्थ्य को बढ़ावा देने, दवाओं की मांग को कम करने, मादक द्रव्यों के सेवन की समस्या को दूर करने और मानसिक पुनर्वास में सहायता करने के लिए अभिनव पहल को बढ़ावा दिया जा सके। यह आयुष प्रणालियों का उपयोग करने वाले सेवा प्रदाताओं की जागरूकता पैदा करने और क्षमता निर्माण के माध्यम से हासिल किया जाएगा।
  2. अनुसंधान प्रोत्साहन: पारंपरिक स्वास्थ्य देखभाल प्रथाओं के चिकित्सीय लाभों की खोज पर ध्यान केंद्रित करते हुए वृद्धावस्था स्वास्थ्य, मादक द्रव्यों के सेवन और मानसिक स्वास्थ्य के क्षेत्रों में अनुसंधान को प्रोत्साहित करना।
  3. स्वास्थ्य संवर्धन गतिविधियां: वृद्ध जनसंख्या और मादक द्रव्यों के सेवन से प्रभावित व्यक्तियों के लिए स्वास्थ्य संवर्धन हेतु अतिरिक्त गतिविधियों का समर्थन करना।

यह समझौता ज्ञापन देश की स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, जो एक स्वस्थ और अधिक समावेशी समाज बनाने के लिए आयुष प्रणालियों और सामाजिक न्याय पहलों दोनों की शक्तियों को जोड़ता है।

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