कोयला मंत्रालय ने वित्तीय वर्ष 2024-25 (12 सितंबर तक) के दौरान कोयला उत्पादन में उल्लेखनीय वृद्धि हासिल की है, जो 411.62 मिलियन टन (एमटी) के अनंतिम आंकड़े तक पहुंच गया है। यह पिछले वर्ष की समान अवधि के दौरान उत्पादित 388.86 एमटी की तुलना में एक उल्लेखनीय वृद्धि है, जो खनन कार्यों को चुनौती देने वाली जलवायु की प्रतिकूल परिस्थितियों के बावजूद 5.85 प्रतिशत की सराहनीय वृद्धि दर को दर्शाता है। इस क्षेत्र की एक प्रमुख कंपनी कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) ने भी इसी अवधि के दौरान अपने उत्पादन को बढ़ाकर 311 एमटी करने के साथ सुदृढ़ता का प्रदर्शन किया है, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि के 302.53 एमटी की तुलना में 2.80 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है। भारी बारिश के कारण सीआईएल की सहायक कंपनियों की खनन गतिविधियों में आई रुकावट को देखते हुए यह वृद्धि और भी उल्लेखनीय है।
वित्तीय वर्ष 2024-25 (12 सितंबर तक) के दौरान कोयले की ढुलाई में भी काफी वृद्धि हुई है, जो 442.24 एमटी तक पहुंच गई है। जबकि पिछले वर्ष की समान अवधि में यह आंकड़ा 421.29 एमटी का था। यह 4.97 प्रतिशत की मजबूत विकास दर को दर्शाता है। इसके अलावा, बिजली संयंत्रों को कोयले की ढुलाई में 4.03 प्रतिशत की महत्वपूर्ण वृद्धि देखी गई है और यह 362.65 एमटी तक पहुंच गई है, जो देश की बढ़ती ऊर्जा संबंधी मांगों को पूरा करने के लिए कोयला क्षेत्र की प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है।
कोयले का मौजूदा स्टॉक स्तर इस क्षेत्र की दक्षता एवं तैयारियों को और स्पष्ट रूप से रेखांकित करता है। 12 सितंबर, 2024 तक, कोयला कंपनियों के पास कोयला स्टॉक बढ़कर 76.49 एमटी हो गया है, जो 49.07 प्रतिशत की प्रभावशाली वार्षिक वृद्धि दर को दर्शाता है। इसके समानांतर, घरेलू कोयला आधारित ताप विद्युत संयंत्रों में कोयले का स्टॉक 36.58 एमटी तक पहुंच गया है, जो 43.68 प्रतिशत की उल्लेखनीय वृद्धि को दर्शाता है। ये आंकड़े कोयला क्षेत्र के मजबूत प्रदर्शन और निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने एवं देश की ऊर्जा संबंधी जरूरतों को प्रभावी ढंग से पूरा करने की इसकी बढ़ी हुई क्षमता को रेखांकित करते हैं।
ये आंकड़े देश की ऊर्जा सुरक्षा को आगे बढ़ाने में कोयला क्षेत्र की सुदृढ़ता और समर्पण को स्पष्ट रूप से दर्शाते हैं। कोयला मंत्रालय देश की ऊर्जा संबंधी जरूरतों के प्रति अपनी अटूट प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करते हुए इस क्षेत्र के भीतर निरंतर विकास और संचालनात्मक दक्षता को बढ़ावा देने प्रति दृढ़ है। रणनीतिक योजना एवं अनुकूल उपायों के जरिए, मंत्रालय भारत के ऊर्जा से जुड़े परिदृश्य में कोयला उद्योग की महत्वपूर्ण भूमिका को मजबूत करना जारी रखे हुए है और यह सुनिश्चित कर रहा है कि कोयला उद्योग देश के विकास एवं प्रगति की आधारशिला बना रहे।
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