“हरित हाइड्रोजन रूपातंरण (साइट) कार्यक्रम के लिए रणनीतिक युक्तियां – घटक II: हरित हाइड्रोजन उत्पादन के लिए प्रोत्साहन योजना (मोड 1 के अंतर्गत) – अंश-II” के कार्यान्वयन के लिए योजना दिशानिर्देश 03 जुलाई, 2024 को एमएनआरई द्वारा अधिसूचित किए गए हैं।
अंश-II की क्षमता हरित हाइड्रोजन की 4,50,000 टीपीए होगी, जिसमें 40,000 टीपीए क्षमता बायोमास-आधारित मार्गों (बकेट-II) के लिए और शेष प्रौद्योगिकी के लिहाज से गैर भेदभावपूर्ण मार्गों (बकेट-I) के लिए आरक्षित होगी। भारतीय सौर ऊर्जा निगम (एसईसीआई) इस अंश के लिए भी कार्यान्वयन एजेंसी है। एसईसीआई द्वारा चयन के लिए अनुरोध (आरएफएस) शीघ्र ही जारी किया जाएगा।
बोली बोलीदाता द्वारा उद्धृत न्यूनतम औसत प्रोत्साहन पर आधारित होगी। बकेट-I के तहत न्यूनतम बोली 10,000 टीपीए है जबकि अधिकतम बोली 90,000 टीपीए है। बकेट-II में न्यूनतम बोली क्षमता 500 टीपीए और अधिकतम क्षमता 4000 टीपीए है। बोलीदाता किसी भी या दोनों बकेट में बोली लगा सकता है। इस अंश में एक बोलीदाता को आवंटित की जा सकने वाली अधिकतम क्षमता 90,000 टीपीए है।
राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन 4 जनवरी, 2023 को वित्त वर्ष 2029-30 तक 19,744 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ शुरू किया गया था। यह स्वच्छ ऊर्जा के माध्यम से भारत के आत्मनिर्भर बनने के लक्ष्य में योगदान देगा और वैश्विक स्वच्छ ऊर्जा रूपांतरण के लिए प्रेरणा का काम करेगा। मिशन अर्थव्यवस्था के महत्वपूर्ण डीकार्बोनाइजेशन, जीवाश्म ईंधन आयात पर निर्भरता को कम करने और भारत को हरित हाइड्रोजन में प्रौद्योगिकी और बाजार नेतृत्व संभालने में सक्षम करेगा।
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