संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनिसेफ) ने आगाह किया है कि सूडान में पांच वर्ष से कम उम्र के पांच लाख बच्चों सहित तीस लाख से अधिक लोगों के हैजा से पीड़ित होने का जोखिम बना हुआ है। संघर्ष प्रभावित क्षेत्रों के 70 प्रतिशत से अधिक अस्पताल कार्यरत नहीं हैं। अग्रिम पंक्ति के स्वास्थ्यकर्मियों को कई महीनों से वेतन नहीं मिले हैं। गृहयुद्ध छिड़ने के बाद हैजा, मलेरिया, मिजल्स और डेंगू जैसी संक्रामक बीमारियां फैल चुकी हैं। इन बीमारियों के कारण सैंकड़ों लोगों की मौत हो चुकी है।
यूनिसेफ के अनुसार पिछले वर्ष अप्रैल महीने में सूडानी सशस्त्र बलों और रैपिड स्पोर्ट फोर्सेज के बीच आंतरिक संघर्ष छिड़ने से पहले सूडान में टीकाकरण की दर 85 प्रतिशत थी, जो अब गिरकर 50 प्रतिशत पर आ गई है।
सूडान के स्वास्थ्य मंत्रालय ने अगस्त महीने में देश में हैजा फैल जाने की घोषणा की थी। हैजा फैलने के मुख्य कारणों में संघर्ष के कारण खराब होती पर्यावरण की स्थिति और गंदे जल का इस्तेमाल किया जाना शामिल है।
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