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National Centre for Good Governance launches two-week training programme for civil servants from BIMSTEC countries and Maldives
भारत

राष्ट्रीय सुशासन केंद्र ने बिम्सटेक देशों और मालदीव के सिविल सेवकों के लिए दो सप्ताह का प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किया

राष्ट्रीय सुशासन केंद्र (एनसीजीजी) ने सिविल सेवकों के लिए 34वें क्षमता निर्माण कार्यक्रम के साथ-साथ, बहु-क्षेत्रीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग के लिए बंगाल की खाड़ी पहल (बिम्सटेक) देशों के साथ मालदीव के सिविल सेवकों के लिए नौकरी के दौरान पहला प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किया है। यह दो सप्ताह का प्रशिक्षण कार्यक्रम 14 अक्टूबर से 25 अक्टूबर 2024 तक मसूरी और नई दिल्ली में आयोजित किया जा रहा है। कार्यक्रम में श्रीलंका, म्यांमार, नेपाल और भूटान सहित बिम्सटेक देशों के कुल 36 सिविल सेवक भाग ले रहे हैं। इसके अतिरिक्त, मालदीव के 35 सिविल सेवक 34वें क्षमता निर्माण कार्यक्रम में भाग ले रहे हैं। प्रतिभागी अपने देशों के प्रमुख मंत्रालयों का प्रतिनिधित्व करने वाले प्रभागीय सचिव, अपर जिला सचिव, उप मुख्य सचिव और सहायक आयुक्त, निदेशक, कार्यकारी अधिकारी के रूप में कार्य कर रहे हैं।

एनसीजीजी के महानिदेशक और प्रशासनिक सुधार तथा लोक शिकायत विभाग (डीएआरपीजी) के सचिव वी. श्रीनिवास ने प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन किया और प्रतिभागियों का स्वागत किया। वी. श्रीनिवास ने अपने संबोधन में, प्रशासनिक सुधारों के उभरते परिदृश्य और डिजिटल प्रशासन की महत्वपूर्ण भूमिका को संबोधित करके सिविल सेवकों के कौशल को बढ़ाने के कार्यक्रम के उद्देश्य पर बल दिया। उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण नागरिक-केंद्रित शासन मॉडल पर केंद्रित होगा। इसका उद्देश्य सरकारी कार्यालयों और उनके द्वारा सेवा किए जाने वाले लोगों के बीच अंतर को समाप्त करना है, जिससे सार्वजनिक सेवा वितरण में सुधार होगा।

कार्यक्रम के दौरान, एनसीजीजी के एसोसिएट प्रोफेसर और बिम्सटेक देशों के सिविल सेवकों के लिए नौकरी के दौरान पहले प्रशिक्षण कार्यक्रम के पाठ्यक्रम समन्वयक डॉ. ए.पी. सिंह ने राष्ट्रीय सुशासन केंद्र और पिछले कुछ वर्षों में एनसीजीजी द्वारा प्राप्त की गई प्रमुख उपलब्धियों के बारे में विस्तृत जानकारी दी। डॉ. बीएस बिष्ट, एसोसिएट प्रोफेसर, एनसीजीजी और मालदीव के सिविल सेवकों के लिए 34वें सीबीपी के पाठ्यक्रम समन्वयक ने कार्यक्रम की समीक्षा प्रस्तुत की।

कार्यक्रम के दूसरे चरण के अंतर्गत, बिम्सटेक देशों और मालदीव के भाग लेने वाले अधिकारी इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वन अकादमी, स्मार्ट शहर परियोजना और आईटीडीए, देहरादून में स्मार्ट स्कूल, हरियाणा लोक प्रशासन संस्थान, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), और राष्ट्रीय विज्ञान केंद्र सहित प्रमुख संस्थानों और परियोजनाओं का दौरा करेंगे। इसके अतिरिक्त, वे मारुति उद्योग लिमिटेड का दौरा करेंगे और प्रतिष्ठित ताज महल का भी अवलोकन करेंगे।

बिम्सटेक कार्यक्रम का समन्वयन डॉ. ए.पी. सिंह, एसोसिएट प्रोफेसर और पाठ्यक्रम समन्वयक डॉ. एम.के. भंडारी, संकाय और सह-पाठ्यक्रम समन्वयक, संजय पंत, प्रशिक्षण सहायक, और मोनिशा बहुगुणा, वाईपी द्वारा किया जा रहा है। 34वें क्षमता निर्माण कार्यक्रम का समन्वय डॉ. बी.एस. बिष्ट, एसोसिएट प्रोफेसर और पाठ्यक्रम समन्वयक, डॉ. संजीव शर्मा, संकाय और सह-पाठ्यक्रम समन्वयक, ब्रिजेश बिष्ट, प्रशिक्षण सहायक, एनसीजीजी के साथ एनसीजीजी क्षमता निर्माण टीम द्वारा किया जा रहा है।

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