राष्ट्रीय संचार अकादमी- वित्त (एनसीए-एफ, पूर्ववर्ती एनआईसीएफ), आईटीयू क्षेत्र कार्यालय, दिल्ली और भारतीय विज्ञान संस्थान (आईआईएससी), बेंगलुरु के सहयोग से 2 और 3 सितंबर 2024 को आईआईएससी, बेंगलुरु में ‘भारत 6जी विजन: अनुसंधान को मानकों में परिवर्तित करना’ विषय पर दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन कर रहा है। सचिव (दूरसंचार) नीरज मित्तल 2 सितंबर, 2024 को इस कार्यशाला का उद्घाटन करेंगे। राष्ट्रीय संचार अकादमी-एफ संचार मंत्रालय के तहत केंद्र सरकार का एक शीर्ष स्तरीय प्रशिक्षण संस्थान है।
कार्यशाला की रूपरेखा
इस कार्यशाला में 200 से अधिक प्रतिभागियों के भाग लेने की संभावना है और इसका उद्देश्य आईटीयू मानकीकरण प्रक्रिया और सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी (आईसीटी) क्षेत्र में मानक आवश्यक पेटेंट के महत्व के संबंध में समग्र क्षमता निर्माण प्रदान करना है। यह कार्यशाला सरकारी अधिकारियों, उद्योग जगत के प्रतिनिधियों एवं शिक्षाविदों, शोधकर्ताओं और छात्रों के लिए इन क्षेत्रों में अपनी समझ बढ़ाने और भविष्य के लीडर्स को तैयार करने के उद्देश्य से डिज़ाइन की गई है।
यह 2-दिवसीय कार्यशाला इंटरैक्टिव सत्रों और पैनल चर्चाओं के माध्यम से आईटीयू में वैश्विक मानक बनाने की प्रक्रिया में भारतीय संस्थाओं के योगदान तथा आईसीटी मानकीकरण और पेटेंट प्रक्रियाओं में नेतृत्व को बढ़ावा देने के लिए आवश्यक महत्वपूर्ण अंतर्दृष्टि और कौशल प्रदान करने का वादा करती है।
इस कार्यशाला का पहला दिन आईटीयू की मानक बनाने की प्रक्रिया में भारत का योगदान बढ़ाने पर एक पैनल चर्चा के साथ शुरू होगा। पैनल चर्चा में दूरसंचार विभाग (डीओटी) के वरिष्ठ अधिकारी, उद्योग जगत के अग्रणी प्रतिनिधि और आईआईएसयू एवं एनएलएसआईयू से देश के शीर्ष शिक्षाविद शामिल होंगे। पैनल चर्चा के बाद कार्यशालाएं आयोजित की जाएंगी, जिनका संचालन रॉबर्ट क्लार्क, सलाहकार, आईटीयू जिनेवा करेंगे। इस दौरान मुख्य रूप से आईटीयू के लिए योगदान का मसौदा तैयार करने, इन योगदानों को प्रस्तुत करने और उन पर चर्चा करने के लिए आवश्यक कौशलों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। दिन का समापन रोल प्ले एक्सरसाइज और प्रश्नोत्तरी के साथ होगा।
दूसरा दिन बौद्धिक संपदा अधिकारों को समर्पित होगा, जिसमें दूरसंचार क्षेत्र में मानक आवश्यक पेटेंट पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। नेशनल लॉ स्कूल यूनिवर्सिटी ऑफ इंडिया (एनएलएसआईयू) के एक प्रख्यात डोमेन विशेषज्ञ परिचयात्मक सत्र का संचालन करेंगे और उसके बाद दूरसंचार क्षेत्र में मानक आवश्यक पेटेंट पर पैनल चर्चा आयोजित की जाएगी। पैनल चर्चा में सरकार, पेटेंट कार्यालय, उद्योग और शिक्षा जगत का प्रतिनिधित्व होगा। दूसरे दिन का समापन आगामी विश्व दूरसंचार मानकीकरण सभा (2024) पर सत्र के साथ होगा। भारत अक्टूबर, 2024 में पहली बार दिल्ली में इसकी मेजबानी कर रहा है।
राष्ट्रीय संचार अकादमी-एफ (पूर्ववर्ती राष्ट्रीय संचार वित्त संस्थान), संचार मंत्रालय के अधीन एक ‘उत्कृष्ट’ मान्यता प्राप्त केंद्रीय प्रशिक्षण संस्थान है, जो दूरसंचार विभाग और डाक विभाग की प्रशिक्षण संबंधी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए समर्पित है। दिल्ली में वर्ष 2023 में स्थापित दक्षिण एशिया के आईटीयू क्षेत्र कार्यालय और नवाचार केंद्र का उद्देश्य डिजिटल प्रौद्योगिकी को आगे बढ़ाने, डिजिटल डिवाइड को खत्म करने और आईसीटी प्रौद्योगिकियों, सेवाओं एवं अनुप्रयोगों में नवाचार को बढ़ावा देने के लिए दक्षिण एशिया में सरकारों, उद्योगों और शिक्षाविदों को एकजुट करना है।
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