राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने 27 जनवरी, 2025 को अपना दो सप्ताह का ऑनलाइन लघु अवधि इंटर्नशिप कार्यक्रम (ओएसटीआई) शुरू किया। इस कार्यक्रम में भाग लेने के लिए देश के विभिन्न हिस्सों से विविध शैक्षणिक विषयों के 80 स्नातक और स्नातकोत्तर स्तर के छात्रों को चुना गया है, जिसका उद्देश्य भारत में मानवाधिकारों, संबंधित कानूनों और उनके अनुप्रयोग की व्यापक समझ प्रदान करना है।
इंटर्नशिप का उद्घाटन करते हुए, एनएचआरसी, भारत के सदस्य, न्यायमूर्ति (डॉ) बिद्युत रंजन सारंगी ने मानवाधिकारों की सुरक्षा के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने भारतीय लोकाचार और संस्कृति में मानवाधिकारों के सम्मान की समृद्ध विरासत पर प्रकाश डाला जो हमारे संविधान और कानून में परिलक्षित होती है।
उन्होंने कहा कि इस इंटर्नशिप कार्यक्रम का उद्देश्य प्रशिक्षुओं को लोगों के अधिकारों, विशेष रूप से कमजोर समुदायों की वकालत करने के लिए सशक्त बनाना है। उन्होंने प्रशिक्षुओं से गहराई से जुड़ने, विशेषज्ञों से सीखने और अधिक न्यायपूर्ण और समतापूर्ण समाज में योगदान देने का आग्रह किया।
इससे पहले, एनएचआरसी के संयुक्त सचिव देवेंद्र कुमार निम ने कार्यक्रम के सावधानीपूर्वक तैयार किए गए पाठ्यक्रम का अवलोकन किया, जिसमें व्याख्यान और तिहाड़ जेल जैसी संस्थाओं के आभासी दौरे शामिल हैं, जो मानवाधिकारों की वास्तविकताओं के बारे में प्रत्यक्ष जानकारी प्रदान करते हैं। उन्होंने प्रशिक्षुओं को विभिन्न गतिविधियों/प्रतियोगिताओं के बारे में भी बताया, जो मानवाधिकारों के विभिन्न पहलुओं के बारे में उनके ज्ञान को बढ़ाएंगे। एनएचआरसी के निदेशक लेफ्टिनेंट कर्नल वीरेंद्र सिंह ने धन्यवाद ज्ञापन दिया।
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