राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी), भारत ने एक मीडिया रिपोर्ट का स्वतः संज्ञान लिया है जिसमें बताया गया है कि 16 जून, 2025 को आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले के कुप्पम मंडल के नारायणपुरम गांव में एक महिला को साहूकार ने पेड़ से बांधकर सार्वजनिक रूप से पीटा क्योंकि उसका पति कर्ज नहीं चुका पाया था। खबर है कि उसे गांव वालों द्वारा मुक्त कराया गया।
आयोग ने पाया है कि मीडिया में छपी खबर अगर सत्य है, तो यह मानवाधिकारों के उल्लंघन का गंभीर मुद्दा है। तदनुसार, आयोग ने आंध्र प्रदेश के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को नोटिस जारी कर दो सप्ताह के भीतर इस मामले में विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।
17 जून 2025 को मीडिया में आई रिपोर्ट के अनुसार, पीड़िता के पति ने करीब तीन वर्ष पहले स्थानीय साहूकार से 80,000 रुपये का कर्ज लिया था लेकिन वह उसे चुका नहीं पाया। उसने गांव के अन्य लोगों से भी कर्ज लिया था। कर्ज न चुका पाने के कारण वह गांव छोड़कर चला गया और तब से उसकी पत्नी दिहाड़ी मजदूरी करके अपना और अपने तीन बच्चों का भरण-पोषण करने के साथ-साथ वह लोगों का कर्ज किश्तों में चुका भी रही है।
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