भारत

नीति आयोग ने फ्रंटियर टेक हब बनाने की घोषणा की और “क्वांटम कंप्यूटिंग: राष्ट्रीय सुरक्षा पर प्रभाव और रणनीतिक तैयारी” पर पेपर जारी किया

भारत 2047 तक विकसित राष्ट्र (विकसित भारत) बनने की अपनी यात्रा में एक निर्णायक मोड़ पर खड़ा है। इस महत्वाकांक्षी लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए दो दशकों से अधिक समय तक निरंतर, त्वरित विकास की आवश्यकता है। इसके लिए एक तीव्र गति से परिवर्तन की आवश्यकता है। हमें अपने समाज और अर्थव्यवस्था के हर पहलू पर मौलिक रूप से पुनर्विचार और पुनर्कल्पना करनी चाहिए।

किसी भी अन्य युग में, ऐसा परिवर्तन असंभव लग सकता था। लेकिन आज, फ्रंटियर टेक्नोलॉजीज के युग में, यह हमारी पहुंच में है। अब हमारे पास इस परिवर्तन को आगे बढ़ाने के लिए पर्याप्त शक्तिशाली प्रौद्योगिकी हैं – और वे अभूतपूर्व गति से आगे बढ़ रही हैं। हालांकि, उभरती हुई प्रौद्योगिकी को मुख्यधारा में आने से पहले भारत में उनकी पूरी क्षमता का उपयोग करने के लिए हमें उन्हें सक्रिय रूप से अपनाना होगा। अनुसंधान, नवाचार और वैश्विक साझेदारी में रणनीतिक निवेश भारत को तकनीकी प्रगति में सबसे आगे रखने के लिए महत्वपूर्ण होगा।

नीति आयोग का फ्रंटियर टेक हब: परिवर्तन के लिए उत्प्रेरक

नीति फ्रंटियर टेक हब (नीति-एफटीएच) की स्थापना फ्रंटियर टेक एक्शन टैंक के रूप में की गई है, ताकि भारत को फ्रंटियर टेक राष्ट्र में बदलने में तेजी लाई जा सके। इसके मुख्य उद्देश्य हैं:

  • विकसित भारत की दिशा में त्वरित आर्थिक और सामाजिक विकास के लिए प्रौद्योगिकीय नवाचार और उपयोग को आगे बढ़ाने में भारत की तैयारी को सक्षम बनाना।
  • मानवता और पर्यावरण को लाभ पहुंचाने वाली उभरती प्रौद्योगिकियों के विकास और उन्हें अपनाने की दिशा में आगे बढ़कर भारत के मानव-केंद्रित दृष्टिकोण को विश्व भर में बढ़ावा देना।

अपने चार्टर के हिस्से के रूप में, यह केंद्र उद्योग, शिक्षा और सरकार के विशेषज्ञों के साथ मिलकर काम करेगा ताकि शुरुआती तकनीकी रुझानों और भारत पर उनके प्रभावों की गहरी समझ बनाई जा सके। यह भारत की तैयारी को आगे बढ़ाने के लिए कार्य योजनाएं और सिफारिशें भी प्रस्तुत करेगा।

नीति फ्रंटियर टेक हब (नीति-एफटीएच) ने डेटा सुरक्षा परिषद (डाटा सिक्योरिटी काउंसिल ऑफ इंडिया) के साथ साझेदारी में आज क्वांटम कंप्यूटिंग के तेजी से विकास, राष्ट्रीय सुरक्षा पर इसके प्रभाव और भारत को अपनी प्रगति की दिशा में आगे बढ़ने के लिए आवश्यक बिन्दुओं पर एक रणनीतिक पेपर जारी किया।

इस पेपर की अंतर्दृष्टि उभरते क्वांटम परिदृश्य में भारत की रणनीतिक तैयारी और नीति निर्माण के लिए आधार बनेगी।

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