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On the occasion of International Thalassemia Day, Apoorva Chandra said that it is most important to make people aware about Thalassemia.
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अंतर्राष्ट्रीय थैलेसीमिया दिवस के अवसर पर अपूर्व चंद्रा ने कहा कि थैलेसीमिया के बारे में लोगों को जागरूक करना सर्वाधिक महत्‍वपूर्ण

स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव अपूर्व चंद्रा ने थैलेसीमिया से निपटने के लिए इसकी समय पर पहचान और रोकथाम के महत्व पर बल दिया है। आज यहां अंतर्राष्ट्रीय थैलेसीमिया दिवस के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि सही समय पर इसकी रोकथाम करके ही इस बीमारी को काफी हद तक कम किया जा सकता है।

इस अवसर पर केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि थैलेसीमिया से निपटने के लिए समय पर जांच और रोकथाम सबसे प्रभावी रणनीति है। उन्होंने कहा कि देश में थैलेसीमिया के लगभग एक लाख मरीज हैं और हर वर्ष लगभग 10,000 नए मामले सामने आते हैं। उन्होंने स्क्रीनिंग के माध्यम से समय पर रोग का पता लगाकर तुरंत रोकथाम पर बल दिया।

अपूर्व चंद्रा ने कहा कि थैलेसीमिया के बारे में लोगों को जागरूक करना सर्वाधिक महत्‍वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि अभी भी बहुत से लोगों को इस बीमारी के बारे में जानकारी नहीं है कि इसे कैसे रोका जा सकता है। यह आवश्‍यक है कि इस क्षेत्र के सभी हितधारक थैलेसीमिया पर जागरूकता बढ़ाने के लिए एक राष्ट्रव्यापी अभियान में सहयोग करें। इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में उन्‍होंने थैलेसीमिया की प्रभावी रोकथाम के तरीकों और इष्टतम उपचार को बढ़ावा देने के लिए इंडियन एसोसिएशन ऑफ पीडियाट्रिक्स एंड थैलेसेमिक्स इंडिया के सहयोग से बनाया गया एक वीडियो लॉन्च किया।

केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव अपूर्व चंद्रा ने रोग की व्यापकता को कम करने के साधन के रूप में राष्‍ट्रीय स्‍वास्‍थ्‍य मिशन (एनएचएम) के अंतर्गत वर्तमान प्रजनन और बाल स्वास्थ्य (आरसीएच) कार्यक्रमों में अनिवार्य रूप से थैलेसीमिया परीक्षण को शामिल करने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि कुछ राज्यों ने इसे अपने सार्वजनिक स्वास्थ्य कार्यक्रमों और गतिविधियों में शामिल किया है। स्‍वास्‍थ्‍य सचिव ने अन्य राज्यों से आग्रह किया कि वे थैलेसीमिया के लिए स्क्रीनिंग और परीक्षण को शामिल करने और उसका विस्तार करें।

थैलेसीमिया एक वंशानुगत रक्त विकार है जिसके कारण शरीर में सामान्य से कम हीमोग्लोबिन होता है। 8 मई को प्रत्‍येक वर्ष अंतर्राष्ट्रीय थैलेसीमिया दिवस मनाया जाता है, ताकि इस बीमारी की रोकथाम के महत्व पर लोगों को जागरूक किया जा सकें। हितधारकों को संवेदनशील बनाने और थैलेसीमिया से प्रभावित लोगों के लिए गुणवत्तापूर्ण देखभाल सुनिश्चित किए जाने के लिए कार्य किया जाता है। इस वर्ष की थीम है – “जीवन को सशक्त बनाना, प्रगति को गले लगाना: सभी के लिए न्यायसंगत और सुलभ थैलेसीमिया उपचार।” यह थीम थैलेसीमिया की व्‍यापक देखभाल के लिए सार्वभौमिक पहुंच की दिशा में सामूहिक मिशन को समाहित करती है।

इस अवसर आराधना पटनायक, अपर सचिव एवं प्रबंध निदेशक (राष्‍ट्रीय स्‍वास्‍थ्‍य मिशन); भारतीय बाल रोग अकादमी के अध्यक्ष डॉ. जीवी बसवराज, थैलेसीमिक्स इंडिया की सचिव शोभा तुली, आईएपी के पीएचओ चैप्टर के मानद सचिव डॉ. मानस कालरा और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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