दूरसंचार विभाग की प्रमुख नागरिक-केंद्रित डिजिटल सुरक्षा पहल “संचार-साथी” पर ‘अपने खोए/चोरी हुए मोबाइल हैंडसेट को ब्लॉक करें’ सुविधा ने 6 लाख से अधिक खोए और चोरी हुए मोबाइल हैंडसेटों की बरामदगी की सुविधा प्रदान करके एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है और यह डिजिटल शासन में नागरिकों के विश्वास को मजबूत बनाने वाला एक महत्वपूर्ण परिणाम है। यह उपलब्धि नागरिकों की डिजिटल संपत्तियों की सुरक्षा के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती है और साइबर अपराध से निपटने में सहयोगी प्रौद्योगिकी की क्षमता को प्रदर्शित करती है। संचार साथी पर ‘अपने खोए/चोरी हुए मोबाइल हैंडसेट को ब्लॉक करें’ सुविधा वास्तविक समय में दूरसंचार विभाग, दूरसंचार सेवा प्रदाताओं और राज्य/केंद्र शासित प्रदेश पुलिस को एकीकृत करती है। ‘डिजिटल बाय डिज़ाइन’ के विषय पर प्रदान की गई यह सुविधा प्रति मिनट एक फोन को पुनर्प्राप्त करने में सहायता प्रदान कर रही है।
‘अपना खोया/चोरी हुआ मोबाइल हैंडसेट ब्लॉक करें’ सुविधा नागरिकों को सभी भारतीय दूरसंचार नेटवर्क पर खोए/चोरी हुए मोबाइल की रिपोर्ट करने, ब्लॉक करने, ट्रेस करने या अनब्लॉक करने की सुविधा प्रदान करती है। किसी भी तरह के दुरुपयोग को रोकने के लिए, रिपोर्ट किए गए खोए/चोरी हुए मोबाइल हैंडसेट को पूरे भारत में दूरसंचार नेटवर्क पर ब्लॉक कर दिया जाता है। जैसे ही ऐसे खोए/चोरी हुए मोबाइल हैंडसेट के साथ किसी सिम का उपयोग किया जाता है, स्वचालित ट्रेसेबिलिटी सक्रिय हो जाती है और नागरिकों के साथ-साथ उस संबंधित पुलिस स्टेशन को भी अलर्ट भेज दिया जाता है जहां खोए/चोरी हुए मोबाइल हैंडसेट की शिकायत दर्ज की गई थी। नागरिकों को एसएमएस के माध्यम से संपर्क करने के लिए सक्रिय ट्रेसेबिलिटी में पुलिस स्टेशन का विवरण प्रदान किया जाता है।
दूरसंचार विभाग की क्षेत्रीय इकाइयां क्षमता निर्माण पहलों के माध्यम से कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ निरंतर सहयोग करती हैं, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि ट्रेस किए गए उपकरणों को कुशलतापूर्वक पुनर्प्राप्त किया जाए और उनके मालिकों को लौटाया जाए। इन प्रयासों से, रिकवरी दर में लगातार माह-दर-माह सुधार हुआ है, मासिक रिकवरी जनवरी 2025 में 28,115 से बढ़कर अगस्त 2025 में 45,243 हो गई है- जो आठ महीनों में 61 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है। यह उत्तरोत्तर बढ़ने वाली प्रक्षेपवक्र कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ प्लेटफ़ॉर्म के बढ़ते एकीकरण और नागरिक जागरूकता में वृद्धि को दर्शाता है। 6 लाख से अधिक रिकवरी केवल संख्याओं का प्रतिनिधित्व नहीं करती है अपितु यह सैकड़ों हजारों भारतीय परिवारों के लिए डिजिटल सुरक्षा को भी दर्शाती है। प्रत्येक फिर से प्राप्त किया गया उपकरण रोकी गई धोखाधड़ी, बहाल संचार और हमारे डिजिटल इको-सिस्टम में मजबूत विश्वास का प्रतिनिधित्व करता है।
यह उपलब्धि सरकार के उस दृष्टिकोण को पुष्ट करती है जिसमें एक सुरक्षित डिजिटल इको-सिस्टम की परिकल्पना की गई है जहां प्रौद्योगिकी नागरिक सशक्तिकरण और सुरक्षा के लिए एक प्रवर्तक के रूप में कार्य करती है। यह पहल शासन में जनभागीदारी की भावना का उदाहरण प्रस्तुत करती है, और दर्शाती है कि कैसे सरकार, प्रौद्योगिकी और नागरिकों के बीच सहयोगात्मक प्रयास सार्थक प्रभाव उत्पन्न कर सकते हैं। संचार साथी की सफलता भारत के व्यापक डिजिटल इंडिया दृष्टिकोण में प्रत्यक्ष योगदान देती है और एक साइबर-सुरक्षित डिजिटल भारत बनाने की सरकार की प्रतिबद्धता का समर्थन करती है।
मई 2023 में शुरू किया गया, संचार साथी (www.sancharsaathi.gov.in) भारत का सबसे व्यापक डिजिटल सुरक्षा प्लेटफ़ॉर्म बन गया है, जिसकी वेबसाइट पर 19 करोड़ से ज़्यादा विज़िट और 90 लाख से ज़्यादा मोबाइल ऐप डाउनलोड हो चुके हैं। डिजिटल सुरक्षा के प्रति संचार साथी के व्यापक दृष्टिकोण में कई अन्य नागरिक-केंद्रित मॉड्यूल शामिल हैं:
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