केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने सऊदी अरब की अपनी यात्रा सफलतापूर्वक संपन्न की। पीयूष गोयल ने इस यात्रा के दौरान कई देशों और उद्योग के प्रतिनिधियों के साथ फ्यूचर इन्वेस्टमेंट इनिशिएटिव (एफआईआई) के 8वें संस्करण के पूर्ण सत्र में भाग लिया। उन्होंने वैश्विक सहयोग, नवाचार, तकनीकी उन्नति और निवेश को बढ़ावा देने में अंतर्राष्ट्रीय साझेदारी और आर्थिक कूटनीति की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने दुनियाभर के निवेशकों से भारत में खासकर कृत्रिम बुद्धिमत्ता, अक्षय ऊर्जा, डिजिटल बुनियादी ढांचे और उन्नत विनिर्माण जैसे उच्च विकास वाले क्षेत्रों में उभरते अवसरों का लाभ उठाने का आग्रह किया।
पीयूष गोयल ने 30 अक्टूबर 2024 को रियाद में सऊदी अरब के ऊर्जा मंत्री प्रिंस अब्दुलअज़ीज़ बिन सलमान अल-सऊद के साथ भारत-सऊदी रणनीतिक साझेदारी परिषद (एसपीसी) के तहत अर्थव्यवस्था और निवेश समिति की दूसरी मंत्रिस्तरीय बैठक की सह-अध्यक्षता भी की। अक्टूबर 2019 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सऊदी अरब यात्रा के बाद, 2019 में रणनीतिक साझेदारी परिषद की स्थापना की गई थी।
इस समिति ने चार संयुक्त कार्य समूहों कृषि एवं खाद्य सुरक्षा, ऊर्जा, प्रौद्योगिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी और उद्योग एवं बुनियादी ढांचा की हासिल की गई प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने भारत और सऊदी अरब के बीच द्विपक्षीय आर्थिक साझेदारी को मजबूत करने पर ध्यान दिया और व्यापार तथा निवेश बढ़ाने के तरीकों पर विचार-विमर्श किया।
केन्द्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने रियाद में ऊर्जा मंत्री, उद्योग एवं खनिज संसाधन मंत्री और निवेश मंत्री के साथ सार्थक मंत्रिस्तरीय बैठकें कीं। ये बैठकें व्यापार, ऊर्जा और प्रौद्योगिकी में सहयोगात्मक पहल पर केंद्रित थीं। इस बातचीत में कार्रवाई योग्य कई समझौते हुए जिनका उद्देश्य व्यापार की मात्रा को बढ़ाना और दोनों देशों के बीच निवेश के सुचारू प्रवाह को सुविधाजनक बनाना था। इन समझौतों में ऊर्जा परिवर्तन, डिजिटल परिवर्तन और आर्थिक विकास में तेजी लाने के लिए विशेषज्ञता के आदान-प्रदान में सहयोग पर जोर गया है।
पीयूष गोयल ने भारत के आर्थिक परिदृश्य और विभिन्न क्षेत्रों में निवेश के अवसरों पर चर्चा करने के लिए श्नाइडर इलेक्ट्रिक के सीईओ पीटर हर्वेक और जनरल अटलांटिक के अध्यक्ष और सीईओ विलियम ई. फोर्ड से भी मुलाकात की।
हाल के वर्षों में, भारत और सऊदी अरब के बीच कई द्विपक्षीय समझौतों को औपचारिक रूप दिया गया है, जिनमें खाद्य निर्यात, फार्मास्यूटिकल्स, इलेक्ट्रिकल इंटरकनेक्टिविटी, ऊर्जा, सूक्ष्म एवं मध्यम उद्यम, डिजिटलीकरण और इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण जैसे क्षेत्र शामिल हैं। दोनों देश फिनटेक, नई प्रौद्योगिकियों, ऊर्जा दक्षता, स्वच्छ हाइड्रोजन, कपड़ा, खनन आदि जैसे उभरते क्षेत्रों में भी सहयोग तलाश रहे हैं। समिति ने इस बैठक में इन विकासों की समीक्षा की और साझा हित के विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग को आगे बढ़ाने के लिए अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की।
बैठक के बाद दिन में केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने सऊदी अरब में इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (आईसीएआई) चैप्टर के साथ बातचीत की और भारत के विस्तारित वैश्विक व्यापार नेटवर्क के समर्थन में चार्टर्ड अकाउंटेंट की भूमिका पर जोर दिया। इस बातचीत में वैश्विक स्तर पर भारतीय मानकों को बढ़ावा देने के लिए आईसीएआई के प्रयासों पर प्रकाश डाला गया, जिसमें पेशेवरों को प्रशिक्षित करने और वैश्विक वित्तीय सेवाओं में भारत की स्थिति को मजबूत करने की पहल शामिल है।
केन्द्रीय मंत्री ने भारत-सऊदी सांस्कृतिक और आर्थिक संबंधों को आगे बढ़ाते हुए लुलु सुपर बाजार में एलईडी से बने बड़े दीये जलाकर लुलु वाली दिवाली महोत्सव का शुभारंभ किया। लुलु सुपर बाजार के साथ साझेदारी में आयोजित यह दिवाली उत्सव सऊदी अरब में भारत के रोशनी के त्योहार के उत्सव की भावना लाता है, जिसमें उत्सव की सजावट और पारंपरिक खाद्य पदार्थों से लेकर हस्तशिल्प तक भारतीय उत्पादों की एक श्रृंखला का प्रदर्शन किया जाता है। लुलु वाली दिवाली के शुभारंभ के बाद एक विशाल उत्पाद दीवार का अनावरण किया गया जिसमें 10,000 से अधिक भारतीय उत्पाद शामिल थे। इन उत्पादों में उत्तराखंड का घी, लद्दाख का सेब, भारतीय कैवेंडिश केला, महाराष्ट्र का ड्रैगन फ्रूट, मोटे अनाजों पर आधारित नाश्ता सामग्री की नई रेंज और कादु ऑर्गेनिक सौंदर्य उत्पाद शामिल थे।
केन्द्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने रियाद स्थित भारतीय दूतावास में, एक जिला, एक उत्पाद (ओडीओपी) दीवार का अनावरण किया, जिसमें भारत भर के विभिन्न जिलों के अद्वितीय उत्पाद शामिल हैं। भारत सरकार के “वोकल फॉर लोकल” अभियान का हिस्सा ओडीओपी एक पहल है जिसका उद्देश्य विशिष्ट, उच्च गुणवत्ता वाले उत्पादों के माध्यम से भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को प्रदर्शित करके क्षेत्रीय शिल्प कौशल को बढ़ावा देना है।
यह यात्रा भारत और सऊदी अरब के बीच रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। यह यात्रा आर्थिक संबंधों को और मजबूत करने तथा सहयोगात्मक प्रयासों के माध्यम से वैश्विक चुनौतियों का समाधान करने के लिए दोनों देशों की प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है। इस बातचीत के नतीजों से निवेश और व्यापार के लिए नए रास्ते खुलने, दोनों देशों में आर्थिक विकास और नवाचार को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।
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