प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मॉरिशस के प्रधानमंत्री नवीनचन्द्र रामगुलाम ने आज वाराणसी में द्विपक्षीय बातचीत की। दोनों देशों के बीच चार समझौतों पर हस्ताक्षर हुए। दोनो नेताओं के बीच बातचीत में सहयोग के सभी क्षेत्र शामिल रहे। विज्ञान और तकनीक, ओशनोग्राफी, प्रशासनिक प्रशिक्षण और टेलीमेट्री में चार एमओयूस देशों के बीच आदान-प्रदान किए गए। शक्ति क्षेत्र, भारतीय अनुदान सहायता से छोटे विकास परियोजनाएं और हाइड्रोग्राफी से जुड़ी तीन अन्य दस्तावेज भी दोनों देशों ने साझा किए। बातचीत में सिविलाइज़ेशंस टाइस, आध्यात्मिक संबंध और पीपुल टू पीपुल टाइस को फिर से प्रगाढ किया गया।
संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी ने दोनों देशों के बीच प्रगाढ़ होते संबंधों की पुष्टि करते हुए कहा भारत और मॉरिशस दो राष्ट्र हैं, लेकिन हमारे सपने एक हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत और मॉरिशस साझेदार ही नहीं एक परिवार भी है। उन्होंने कहा कि भारत ने हमेशा से मॉरिशस में उपनिवेशवाद के उन्मूलन और उसकी सम्प्रभुता को पूर्ण मान्यता देने का समर्थन किया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के बाहर पहला जन औषधि केन्द्र मॉरिशस में स्थापित किया गया है। उन्होंने कहा कि ऊर्जा सुरक्षा द्विपक्षीय साझेदारी का महत्वपूर्ण स्तम्भ है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आईआईटी मद्रास और भारतीय वृक्षारेपण प्रबंधन संस्थान ने मॉरिशस विश्वविद्यालय के साथ समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं।
मॉरिशस के प्रधानमंत्री 9 से 16 सितम्बर तक भारत की यात्रा पर हैं।
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