भारत और सिंगापुर ने आज नागरिक उड्डयन, अंतरिक्ष, कौशल विकास, डिजिटल परिसंपत्ति नवाचार और हरित तथा डिजिटल शिपिंग कॉरिडोर पर पांच समझौतों पर हस्ताक्षर किए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सिंगापुर के प्रधानमंत्री लॉरेंस वोंग के बीच आज नई दिल्ली में हुई वार्ता के बाद इन समझौतों का आदान-प्रदान किया गया। प्रधानमंत्री मोदी ने संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा कि सिंगापुर दक्षिण-पूर्व एशिया में भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है।
साउथ ईस्ट एशिया क्षेत्र में सिंगापुर हमारा सबसे बड़ा ट्रेड पार्टनर है सिंगापुर से भारत में बड़े स्तर पर निवेश हुआ है। हमारे रक्षा संबंध निरंतर मजबूत हो रहे हैं। पीपल टू पीपल संबंध गहरे और जीवंत है। आज हमने बदलते समय के अनुरूप एडवांस्ड मैन्युफैक्चरिंग, ग्रीन शिपिंग और अर्बन वॉटर मैनेजमेंट जैसे क्षेत्र भी हमारे सहयोग के केंद्र बिंदु बनेंगे।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि प्रौद्योगिकी और नवाचार साझेदारी के मजबूत स्तंभ हैं और दोनों पक्षों ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, क्वांटम और अन्य डिजिटल प्रौद्योगिकियों में सहयोग बढ़ाने का निर्णय लिया है।
हमने निर्णय लिया है कि हमारे युवाओं को उनके टैलेंट को जोड़ने के लिए इस साल के अंत में इंडिया सिंगापुर हेकोथॉन का अगला राउंड किया जाएगा। यूपीआई और पे नऊ हमारे डिजिटल कनेक्टिविटी के सफल उदाहरण है और यह प्रसन्नता का विषय है कि इसमें 13 नए भारतीय बैंक जुड़े है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि दोनों देशों ने द्विपक्षीय व्यापक आर्थिक सहयोग समझौते और आसियान मुक्त व्यापार समझौते की समयबद्ध समीक्षा करने का निर्णय लिया है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आतंकवाद को लेकर दोनों देशों की चिंताएं समान हैं। उन्होंने कहा कि दोनों देशों का मानना है कि एकजुट होकर आतंकवाद के विरूद्ध लड़ना सभी मानवतावादी देशों का कर्तव्य है।
हम आसियान के साथ सहयोग और इंडो पेसिफिक क्षेत्र में शांति और स्थिरता के जॉइंट विजन को आगे बढ़ाने के लिए मिलकर काम करते रहेंगे। आतंकवाद को लेकर हमारे सामान चिंताएं हैं हम मानते हैं कि आतंकवाद के खिलाफ एक जुटता से लड़ना सभी मानवतावादी देशों का कर्तव्य है। पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत के लोगों के प्रति संवेदना और आतंकवाद के खिलाफ हमारी लड़ाई में समर्थन के लिए मैं प्रधानमंत्री वोंग और सिंगापुर सरकार का आभार व्यक्त करता हूं।
सिंगापुर के प्रधानमंत्री लॉरेंस वांग ने कहा कि भारत और सिंगापुर अंतरिक्ष जैसे अग्रणी क्षेत्रों में सहयोग का विस्तार करेंगे। उन्होंने कहा कि भारत द्वारा सिंगापुर में निर्मित 20 से अधिक उपग्रहों का प्रक्षेपण किया गया है। प्रधानमंत्री वांग ने बताया कि अंतरिक्ष क्षेत्र में सहयोग को बढ़ावा देने के लिए हुए समझौता ज्ञापन के माध्यम से दोनों पक्ष इस साझेदारी को व्यापक बनाएंगे। दोनों देश घनिष्ठ नागरिक सेवा सहयोग सहित आदान-प्रदान बढ़ाने पर सहमत हुए हैं।
इससे पहले विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने आज नई दिल्ली में सिंगापुर के प्रधानमंत्री लॉरेंस वांग से मुलाकात की। डॉ. जयशंकर ने भारत-सिंगापुर संबंधों को मज़बूत करने के लिए सिंगापुर के प्रधानमंत्री की सराहना की। प्रधानमंत्री वांग की यह यात्रा भारत-सिंगापुर राजनयिक संबंधों की 60वीं वर्षगांठ के अवसर पर हो रही है।
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