प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज कहा कि हाल के घटनाक्रमों ने साबित किया है कि पाकिस्तान का भारत के विरूद्ध तथाकथित छद्म युद्ध वास्तव में एक सुनियोजित युद्ध रणनीति है। गुजरात में गांधी नगर के महात्मा मंदिर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि छह मई की घटनाओं के बाद भारत को आतंकी गतिविधियों का प्रमाण देने की अब आवश्यकता नहीं है। अब यह साक्ष्य सीमापार से स्वयं दिया जा रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि मारे गए आतंकवादियों को पाकिस्तान में राजकीय सम्मान दिया गया। उनके ताबूतों पर पाकिस्तान का राष्ट्रीय ध्वज लपेटा गया और पाकिस्तानी सेना ने उन्हें सलामी दी। उन्होंने कहा कि इससे स्पष्ट है कि ये कोई अलग-थलग आतंकवादी कृत्य नहीं हैं, बल्कि एक समन्वित सैन्य रणनीति का हिस्सा है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत किसी से दुश्मनी नहीं चाहता है। भारत शांति से रहना चाहता है। उन्होंने कहा कि देश इस तरीके से प्रगति करने की आकांक्षा रखता है जो विश्व के कल्याण में योगदान दे सके। सरकार करोडों भारतीयों के उत्थान के लिए समर्पण के साथ कार्य कर रही है।
पिछली गलत नीतियों का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने युवा पीढी को राष्ट्रीय हितों को नुकसान पहुंचाने वाले ऐतिहासिक फैसलों का अध्ययन करने का आग्रह किया। 1960 की सिंधु जल संधि का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर के बांधों की सफाई या गाद नहीं निकालने पर सहमति बनी थी। उन्होंने कहा कि तलछट हटाने के लिए बनाए गए निचले गेटों को बंद रखने का आदेश दिया गया था, और दशकों तक ऐसा ही रहा। इसका परिणाम यह हुआ कि पूरी क्षमता से पानी रखने वाले जलाश्य में अब यह घटकर सिर्फ़ दो या तीन प्रतिशत रह गए हैं।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि स्वाधीनता के सौ वर्ष पूरे होने पर विकसित भारत के दृष्टिकोण को प्राप्त करने में कोई समझौता नहीं किया जाएगा। इस सपने को साकार करने में प्रत्येक नागरिक को अपनी भूमिका निभानी होगी। उन्होंने कहा कि विश्व की तीन सबसे बडी अर्थव्यवस्थाओं में भारत को शामिल करने के लिए टियर-टू और टियर-थ्री शहरों का आर्थिक विकास बहुत महत्वपूर्ण है। प्रधानमंत्री ने देशवासियों को भारतीय उत्पादों का उपयोग करने के लिए भी प्रेरित किया।
इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने गांधी नगर के महात्मा मंदिर में पांच हजार पांच सौ छत्तीस करोड की लागत की विकास परियोजनाओं का उद्घाटन किया और आधारशिला रखी। इन परियोजनाओं में शहरी विकास, बुनियादी ढांचा, जल संसाधन प्रबंधन, स्वास्थ्य सेवा और राजस्व सेवाओं सहित कई महत्वपूर्ण क्षेत्र शामिल हैं।
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