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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 46वें प्रगति संवाद की अध्यक्षता की

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने प्रगति के 46वें संस्करण की बैठक की अध्यक्षता की। प्रगति, केंद्र और राज्य सरकारों को सम्मिलित करते हुए सक्रिय शासन और समय पर कार्यान्वयन के लिए एक आईसीटी आधारित बहु-मॉडल मंच है।

बैठक में आठ महत्वपूर्ण परियोजनाओं की समीक्षा की गई, जिनमें तीन सड़क परियोजनाएं, रेलवे और बंदरगाह, नौवहन एवं जलमार्ग की दो-दो परियोजनाएं सम्मिलित हैं। विभिन्न राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में फैली इन परियोजनाओं की संयुक्त लागत लगभग 90,000 करोड़ रुपये है।

प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (पीएमएमवीवाई) से संबंधित शिकायत निवारण की समीक्षा करते हुए प्रधानमंत्री ने निर्देश दिया कि सभी मंत्रालयों और विभागों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि लाभार्थियों की पहचान बायोमेट्रिक्स के अनुसार आधार प्रमाणीकरण या सत्यापन के माध्यम से की जानी चाहिए। प्रधानमंत्री मोदी ने प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना में अतिरिक्त कार्यक्रमों को एकीकृत करने की संभावना का पता लगाने का भी निर्देश दिया, विशेष रूप से वे कार्यक्रम जो बाल देखभाल को प्रोत्साहन देने, स्वास्थ्य और स्वच्छता प्रथाओं में सुधार, स्वच्छता सुनिश्चित करने और अन्य संबंधित पहलुओं का समाधान करने के उद्देश्य से हैं और माँ तथा नवजात शिशु के समग्र कल्याण में योगदान करते हैं।

प्रधानमंत्री ने रिंग रोड के विकास से संबंधित अवसंरचना परियोजना की समीक्षा के दौरान, इस बात पर बल दिया कि रिंग रोड के विकास को व्यापक शहरी नियोजन प्रयासों के एक प्रमुख घटक के रूप में एकीकृत किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि विकास को समग्र रूप से देखा जाना चाहिए, यह सुनिश्चित करते हुए कि यह अगले 25 से 30 वर्षों में शहर के विकास पथ के साथ अनुकूलित और उसका समर्थन करता है। प्रधानमंत्री ने यह भी निर्देश दिया कि विभिन्न नियोजन मॉडलों का अध्ययन किया जाना चाहिए, विशेष रूप से उन पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए जो आत्मनिर्भरता को प्रोत्साहन देते हैं, विशेषरूप से रिंग रोड की दीर्घकालिक व्यवहारिकता और कुशल प्रबंधन के संदर्भ में ध्यान केंद्रित करना चाहिए। उन्होंने सार्वजनिक परिवहन के पूरक और टिकाऊ विकल्प के रूप में शहर के परिवहन बुनियादी ढांचे के भीतर एक सर्कुलर रेल नेटवर्क को एकीकृत करने की संभावना का पता लगाने का भी आग्रह किया।

प्रधानमंत्री ने जल मार्ग विकास परियोजना की समीक्षा के दौरान कहा कि क्रूज पर्यटन को प्रोत्साहन देने के लिए इन मार्गों पर मजबूत सामुदायिक संपर्क स्थापित करने के प्रयास किए जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि यह व्यवसाय विकास के अवसर पैदा करके एक जीवंत स्थानीय इकोसिस्टम को प्रोत्साहन देगा, विशेष रूप से ‘एक जिला एक उत्पाद’ (ओडीओपी) पहल और अन्य स्थानीय शिल्प से जुड़े कारीगरों और उद्यमियों को प्रोत्साहन देगा। इस दृष्टिकोण का उद्देश्य न केवल सामुदायिक जुड़ाव को बढ़ाना है, बल्कि जलमार्ग से सटे क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधि और आजीविका सृजन को भी बढ़ावा देना है। प्रधानमंत्री ने बल देकर कहा कि ऐसे अंतर्देशीय जलमार्ग पर्यटन को भी प्रोत्साहन देना चाहिए।

प्रधानमंत्री ने बातचीत के दौरान समग्र और दूरदर्शी योजना बनाने के लिए पीएम गतिशक्ति और अन्य एकीकृत मंचों जैसे उपकरणों का लाभ उठाने का महत्व दोहराया। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि विभिन्न क्षेत्रों में तालमेल हासिल करने और कुशल बुनियादी ढांचे के विकास को सुनिश्चित करने के लिए ऐसे उपकरणों का उपयोग महत्वपूर्ण है।

प्रधानमंत्री ने सभी हितधारकों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि उनके संबंधित डेटाबेस को नियमित रूप से अपडेट किया जाए और सटीक रूप से बनाए रखा जाए, क्योंकि विश्वसनीय और वर्तमान डेटा सूचित निर्णय लेने और प्रभावी योजना बनाने के लिए आवश्यक है।

प्रगति बैठक के 46वें संस्करण तक लगभग 20 लाख करोड़ रुपये की कुल लागत वाली 370 परियोजनाओं की समीक्षा की गई है।

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