प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने दो दिन के आधिकारिक दौरे के तहत मॉरीशस के प्रधानमंत्री नवीन रामगुलाम के साथ प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता की। बैठक में, उन्होंने स्थानीय मुद्रा निपटान प्रणाली, ऋण सुविधा समझौता, राजनयिकों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम, वित्तीय अपराधों से निपटने के लिए वाणिज्यिक, गैर-सैन्य जहाजों के बारे में जानकारी का आदान-प्रदान किया गया। इसके अतिरिक्त सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग के क्षेत्र में सहयोग, सुशासन के लिए सरकारी अधिकारियों का प्रशिक्षण से संबंधित 8 समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किये गये।
एक संयुक्त प्रेस वक्तव्य में प्रधानमंत्री ने भारत के क्षेत्रीय रणनीति में मॉरीशस की महत्वपूर्ण भूमिका पर बल देते हुए कहा कि ये वैश्विक दक्षिण, हिन्द महासागर और अफ्रीकी महाद्वीप के लिए बहुत जरूरी है। इस अवसर पर उन्होंने क्षेत्रीय स्थिरता और खुशहाली के लिए भारत की प्रतिबद्धता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि दोनों देश न केवल हिन्द महासागर से जुड़े हैं, बल्कि परम्परा और संस्कृति में भी एक दूसरे से जुड़े हुए हैं।
एक नई शुरूआत की घोषणा करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि वैश्विक दक्षिण के लिए हमारा दृष्टिकोण- महासागर आपसी और वास्तविक प्रगति होगी। इसमें इस क्षेत्र की सुरक्षा और विकास पर अधिक बल दिया जाएगा। घोषणा में मॉरीशस के साथ भारत के पुराने संबंधों का उल्लेख किया गया है और दोनों देशों के विकास में क्षेत्रीय सहयोग पर जोर दिया गया।
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