भारत

IIT बॉम्बे में क्वांटम सेंसिंग हब की प्रारंभिक बैठक में आगे की रणनीति पर विचार किया गया

राष्ट्रीय क्वांटम मिशन (एनक्यूएम) के तहत आईआईटी बॉम्बे द्वारा स्थापित क्वांटम सेंसिंग और मेट्रोलॉजी हब, क्यूमेट टेक फाउंडेशन ने साझा दृष्टिकोण को परिभाषित करने, मील के पत्थर स्थापित करने और सहयोग आधारित प्रणाली पर चर्चा करने के लिए क्षेत्र के कुछ सर्वश्रेष्ठ लोगों को एक साथ लाया।

क्वांटम सेंसिंग और मेट्रोलॉजी पर केंद्रित, क्यूमेट, एक सेक्शन 8 (गैर-लाभकारी) कंपनी, परिणाम आधारित अनुसंधान, निधियों के प्रबंधन और सदस्य संस्थानों के बीच अंतःविषय सहयोग को बढ़ावा देने के लिए एक नेतृत्व केंद्र के रूप में कार्य करती है। किक-ऑफ मीटिंग ने आगे के लिए रणनीतियों को चिन्हित किया।

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सचिव प्रो. अभय करंदीकर ने किक ऑफ मीटिंग का उद्घाटन करते हुए कहा, ‘‘क्यूमेट टेक फाउंडेशन की स्थापना क्वांटम उत्कृष्टता की दिशा में भारत की यात्रा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। देश के कुछ सबसे प्रतिभाशाली व्‍यक्तियों को एकजुट करके, हमारा लक्ष्य क्वांटम सेंसिंग और मेट्रोलॉजी में अभूतपूर्व प्रगति करना है, जो न केवल भारत को लाभान्वित करेगी, बल्कि वैश्विक क्वांटम इकोसिस्‍टम में भी योगदान देगी। भारतीय वैज्ञानिक इस क्षेत्र में महत्वपूर्ण प्रगति कर रहे हैं और अब समय आ गया है कि अनुसंधान को ऐसे लाभों तक बढ़ाया जाए, जो भारत को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अलग पहचान दिला सकें।’’

इस अवसर पर आईआईटी बॉम्बे के डीन (आर एंड डी) प्रोफेसर सचिन पटवर्धन और डीन (रणनीति) प्रोफेसर केपी कलियप्पन भी उपस्थित थे।

क्यूमेट टेक फाउंडेशन की परियोजना निदेशक प्रोफेसर कस्तूरी साहा ने बताया, ‘‘क्यूमेट का लक्ष्य प्रौद्योगिकी, कार्यबल प्रशिक्षण और नवाचार को आगे बढ़ाकर क्वांटम सेंसिंग, मेट्रोलॉजी और इमेजिंग में वैश्विक स्तर पर नेतृत्व करना है। इसका उद्देश्य अनुसंधान और अनुप्रयोगों को जोड़ना, अंतरराष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देना, स्वास्थ्य सेवा, राष्ट्रीय सुरक्षा और वैज्ञानिक खोज में परिवर्तनकारी समाधान लाना है।’’

क्यूमेट टेक फाउंडेशन के सीईओ किरण शेष ने बताया, ‘‘क्यूमेट हब की संरचना जटिल है, जिसमें भारत भर में स्थित 16 संस्थान और 40 अनुसंधानकर्ता शामिल हैं। शुरुआती बैठक उद्देश्य की साझा भावना पैदा करने और सहयोग, सहकारिता और प्रभावी संवाद के माध्यम से साझा लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए उत्साह को प्रेरित करने के लिए डिजाइन की गई है।’’

एनक्यूएम के तहत बनाए गए चार विषयगत केंद्रों में से एक क्यूमेट, विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी), भारत सरकार द्वारा कार्यान्वित किया जा रहा है, जिसका उद्देश्य क्वांटम सेंसिंग और मेट्रोलॉजी में मौलिक अनुसंधान और व्यावहारिक अनुप्रयोगों को जोड़ना है, जो एनक्यूएम के तहत चार फोकस क्षेत्रों में से एक है।

वे जिन तकनीकों पर काम करेंगे, उनमें पोर्टेबल मैग्नेटोमीटर, प्रोफेसर कस्तूरी साहा की प्रयोगशाला में तैयार क्वांटम डायमंड माइक्रोस्कोप शामिल हैं। ये और कई अन्य तकनीकें भारत को इस क्षेत्र में वैश्विक अग्रणी के रूप में स्थापित करने में मदद करेंगी।

Editor

Recent Posts

CSIR-AMPRI और IMD के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए

वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) के स्थापना दिवस, 26 सितंबर 2025 के शुभ अवसर…

21 मिनट ago

आयुष मंत्रालय ने गोवा के अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान में देश के पहले एकीकृत ऑन्कोलॉजी अनुसंधान एवं देखभाल केंद्र का शुभारंभ किया

आयुष मंत्रालय ने कैंसर देखभाल में एकीकृत चिकित्सा के माध्यम से बदलाव की दिशा में…

32 मिनट ago

प्रधानमंत्री मोदी ने दिल्ली में आयोजित हो रहे वर्ल्ड पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप 2025 का स्वागत किया

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नई दिल्ली में आज से शुरू हो रही वर्ल्ड पैरा एथलेटिक्स…

34 मिनट ago

महाराष्ट्र के मराठवाड़ा में मूसलाधार बारिश के कारण कई जिलों में बाढ़ की स्थिति और गंभीर

महाराष्ट्र के मराठवाड़ा में मूसलाधार बारिश के कारण कई जिलों में बाढ़ की स्थिति और…

4 घंटे ago

प्रधानमंत्री मोदी ने ओडिशा के झारसुगुड़ा में 60,000 करोड़ रुपये से अधिक के विकास कार्यों का उद्घाटन और शिलान्यास किया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने झारसुगुड़ा में 60,000 करोड़ रुपये से अधिक की कई विकास परियोजनाओं…

4 घंटे ago