भारतीय रेलवे ने स्वदेशी रूप से डिजाइन और निर्मित वंदे भारत स्लीपर ट्रेन का अंतिम उच्च गति परीक्षण सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है। यह परीक्षण कोटा-नागदा रेल खंड पर किया गया।
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सोशल मीडिया पर पानी से भरे गिलास की स्थिरता का प्रदर्शन करने वाला वीडियो साझा किया। इसमें पानी से भरे गिलास तेज गति पर भी बिना छलके स्थिर रहे। यह इस नई पीढ़ी की ट्रेन की उन्नत सवारी गुणवत्ता, बेहतर सस्पेंशन और तकनीकी मजबूती को दर्शाता है। यह सफलता, आत्मनिर्भर भारत की परिकल्पना के अंतर्गत नवाचार, सुरक्षा और स्वदेशी रेल निर्माण को बढ़ावा देने के लिए भारतीय रेलवे की प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है।
परीक्षण के दौरान इस्तेमाल की गई 16 कोच वाली वंदे भारत स्लीपर को लंबी दूरी की यात्रा के लिए तैयार किया गया है। इसमें यात्रियों की सुविधा के लिए आरामदायक स्लीपर बर्थ, ऑटोमेटिक दरवाजे, आधुनिक शौचालय, सुरक्षा निगरानी प्रणाली सीसीटीवी, कैमरे और डिजिटल यात्री सूचना प्रणाली शामिल है। इन सुविधाओं का उद्देश्य यात्रियों को सुरक्षित आरामदायक और विश्व स्तरीय यात्रा अनुभव देना है परीक्षण के दौरान ट्रेन की तकनीकी जांच की गई। इस दौरान ट्रेन की स्थिरता, आपातकालीन ब्रेक, सुरक्षा प्रणालियां और अन्य महत्वपूर्ण पहलुओं का मूल्यांकन किया गया। यह जांच रेलवे सुरक्षा आयुक्त की निगरानी में हुई तेज रफ्तार पर ट्रेन का प्रदर्शन पूरी तरह संतोषजनक पाया गया और रेलवे सुरक्षा आयुक्त ने इस परीक्षण को सफल घोषित किया।
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