केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) की ताजा रिपोर्ट में बताया गया कि इस वर्ष देश के जलाशयों के भंडारण स्तर में उल्लेखनीय सुधार हुआ है जिसके तहत वर्तमान में भंडारण स्तर दस साल के औसत से 14 प्रतिशत अधिक है।
जलाशय भंडारण के संबंध में जारी हालिया बुलेटिन के अनुसार देशभर के 150 प्रमुख जलाशयों का भंडारण स्तर 124.016 बिलियन क्यूबिक मीटर (बीसीएम) है, जो इन जलाशयों की कुल क्षमता का 69 प्रतिशत है। पिछले वर्ष इसी अवधि में भंडारण स्तर 111.85 बीसीएम था यानी इस वर्ष काफी अच्छी वृद्धि देखी गई है।
जलाशयों का मौजूदा भंडारण स्तर दस साल के औसत से भी अधिक है। दस साल के औसत स्तर को ‘सामान्य भंडारण’ माना जाता है जो 108.79 बीसीएम था। अगर क्षेत्रवार देखें तो देश के विभिन्न हिस्सों में भंडारण स्तर अलग-अलग है। उत्तरी क्षेत्र में भंडारण स्तर इस समय, कुल क्षमता का 51 प्रतिशत है, जो पिछले वर्ष के 88 प्रतिशत से कम है और सामान्य भंडारण स्तर 71 प्रतिशत से कम है। उत्तरी क्षेत्र में हिमाचल प्रदेश, पंजाब और राजस्थान आते हैं। इसके विपरीत, पूर्वी क्षेत्र में सुधार देखा गया है जहां भंडारण स्तर, क्षमता का 53 प्रतिशत है, जो पिछले वर्ष के 38 प्रतिशत से अधिक है और 50 प्रतिशत के सामान्य स्तर से बेहतर है। पूर्वी क्षेत्र में असम, झारखंड, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा, नगालैंड और बिहार आते हैं।
गुजरात और महाराष्ट्र सहित पश्चिमी क्षेत्र के जलाशयों में भी सकारात्मक वृद्धि दर्ज की गई जहां के जलाशय कुल क्षमता के 72 प्रतिशत तक भर गये, जबकि पिछले वर्ष इसी अवधि में भंडारण स्तर 68 प्रतिशत था और सामान्य भंडारण स्तर 61 प्रतिशत था।
इसी तरह, मध्य क्षेत्र के जलाशयों में भंडारण स्तर कुछ क्षमता का 72 प्रतिशत है जो पिछले वर्ष के 69 प्रतिशत और सामान्य भंडारण स्तर के 62 प्रतिशत से बेहतर है। मध्य क्षेत्र में उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ आते हैं। आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु वाले दक्षिण क्षेत्र में आंकड़ा सबसे अलग है। इस क्षेत्र के जलाशय अपनी क्षमता के 79 प्रतिशत तक भरे हुए हैं, जो पिछले वर्ष के 53 प्रतिशत और सामान्य भंडारण स्तर 60 प्रतिशत से काफी ऊपर है।
सीडब्ल्यूसी के बुलेटिन में बताया गया है कि देश में कुल भंडारण की स्थिति पिछले वर्ष की इसी अवधि और वर्ष के इस समय के सामान्य भंडारण दोनों से बेहतर है। आंकड़े दिखाते हैं कि जल संसाधनों के प्रबंधन के प्रयासों के परिणामस्वरूप अधिकांश क्षेत्रों में भंडारण स्तर में सुधार हुआ है, हालांकि राजस्थान और हिमाचल प्रदेश जैसे कुछ राज्यों में पिछले वर्ष की तुलना में कम भंडारण दर्ज किया गया।
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