भारत में आर्थिक उदारीकरण की मशाल जलाने वाले पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन का समाचार सभी अखबारों की पहली खबर है। अमर उजाला की सुर्खी है- मन हुए मौन, ऐसी शख्सियत जिनकी खामोशी भी बोलती थी। राजस्थान पत्रिका ने मनमोहन सिंह के संसद में भाषण का अंश प्रकाशित किया है। पत्र लिखता है- हजारों जवाबों से अच्छी है मेरी खामोशी। न जाने कितने सवालों की आबरू रखी। नवभारत टाइम्स की खबर है – इकॉनमी के डॉक्टर नहीं रहे।
हिन्दुस्तान के अनुसार, बादल बारिश से बदलेगा मौसम, येलो अलर्ट जारी।
जनसत्ता ने कर्तव्य पथ पर गणतंत्र दिवस की परेड के लिए अभ्यास में हिस्सा लेती प्रेसीडेंट गार्ड रेजिमेंट की टुकडी की तस्वीर प्रकाशित की है।
म्यूचुअल फंड कंपनियों को निर्देश, एसआईपी को तीन दिन पहले करवा सकते हैं रद्द, हिन्दुस्तान की खबर है।