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Union Agriculture Minister conducted a weekly review of the agriculture sector; Gave instructions to the officials by taking information on crop sowing, procurement, weather, condition of reservoirs
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केंद्रीय कृषि मंत्री ने कृषि क्षेत्र की साप्ताहिक समीक्षा की; फसल बुआई, उपार्जन, मौसम, जलाशयों की स्थिति की जानकारी लेकर अधिकारियों को दिए निर्देश

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज समग्र कृषि क्षेत्र की प्रगति के संबंध में वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से एक बैठक में समीक्षा की। वीसी द्वारा भोपाल से जुड़े केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह ने कृषि भवन, नई दिल्ली में बैठक में उपस्थित वरिष्ठ अधिकारियों से फसलों की बुआई, उपार्जन, मौसम व जलाशयों की स्थिति की जानकारी लेने के साथ ही उपज के थोक व खुदरा मूल्यों के बारे में समीक्षा करते हुए विभागीय अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। बैठक में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण सचिव देवेश चतुर्वेदी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

विभिन्न उपज की पैदावार अच्छी होने की संभावना के मद्देनजर केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि ऐसी व्यवस्था बनाएं जिससे कि किसानों को अच्छे भाव मिल सकें। शिवराज सिंह ने कहा कि अधिकारियों की सदैव यहीं मंशा रहना चाहिए कि किसानों को उनकी फसल के बेहतर दाम मिलें, इसमें कहीं कोई कमी नहीं रहनी चाहिए। देश के आम बजट में की गई मखाना बोर्ड के गठन की घोषणा के क्रम में कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने निर्देशित किया कि बोर्ड बनाने की प्रक्रिया में तेजी लाई जाएं, साथ ही उन्होंने मखाना उत्पादक किसानों से सुझाव लेने के निर्देश भी दिए ताकि उनके आधार पर मखाना के सभी किसानों के हितों के मद्देनजर कार्य किया जा सकें। स्वयं, शिवराज सिंह चौहान ने गत दिनों बिहार जाकर मखाना उत्पादन स्थल पर ही संबंधित किसानों से चर्चा की थी।

केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह द्वारा ली गई इस साप्ताहिक समीक्षा बैठक में ग्रीष्मकालीन बुआई की प्रगति के बारे में अधिकारियों द्वारा बताया गया कि 21 फरवरी 2025 तक कुल फसल बुआई क्षेत्रफल 2024-25 में 22.317 लाख हेक्टेयर हो चुका है जो कि 2023-24 की समान अवधि तक 21.845 लाख हेक्टेयर था, यानी 0.472 लाख हेक्टेयर ज्यादा बुआई हुई है। इसमें धान का बुआई क्षेत्र गत वर्ष के 18.197 लाख हेक्टेयर की तुलना में इस साल 19.492 लाख हेक्टेयर हो चुका है, जो 1.294 लाख हेक्टेयर अधिक है। इसी तरह, अन्य फसलों का बुआई क्षेत्र लगभग सामान्य के आसपास है और बुआई निरंतर जारी है जिससे उम्मीद है कि कुल क्षेत्रफल गत वर्ष से अधिक हो सकता है।

बैठक में बताया गया कि रबी मौसम के लिए प्रमुख उत्पादक राज्यों में प्याज व आलू की बुआई की स्थिति 21 फरवरी 2025 तक गत वर्ष से अधिक है। प्याज की बुआई 10.29 लाख हेक्टेयर और आलू की बुआई 19.82 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है जो कि क्रमशः 1.66 लाख हेक्टेयर और 0.31 लाख हेक्टेयर ज्यादा है, वहीं टमाटर की बुआई 2.41 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है। प्याज, आलू व टमाटर की बुआई के लिए समय अभी भी उपलब्ध है और मौजूदा अच्छी बाजार कीमतों को देखते हुए सामान्य क्षेत्र हासिल करने की उम्मीद है।

मौसम की स्थिति के बारे में बताया गया है कि इस सप्ताह (27 फरवरी से 5 मार्च 2025) के लिए तापमान पूर्वानुमान की चेतावनी के अनुसार एक सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव में, सप्ताह के पहले भाग के दौरान पश्चिमी हिमालय क्षेत्र में काफी व्यापक से व्यापक वर्षा/बर्फबारी की संभावना है। इस क्षेत्र के एकाकी भाग में 27 व 28 फरवरी को भारी वर्षा/बर्फबारी की भी संभावना है। इसी अवधि के दौरान उत्तर-पश्चिम भारत के आसपास के मैदानी इलाकों में हल्की/मध्यम वर्षा होने की संभावना है, वहीं सप्ताह के कुछ दिनों के दौरान दक्षिण प्रायद्वीपीय भारत और पूर्वोत्तर भारत में हल्की/मध्यम, छिटपुट से लेकर अत्यधिक वर्षा होने की भी संभावना है। सप्ताह के दौरान कुल मिलाकर, देश के सभी समरूप क्षेत्रों में वर्षा सामान्य से कम रहने की संभावना है, केवल उत्तर-पश्चिम भारत और दक्षिण प्रायद्वीपीय भारत को छोड़कर, जहां सामान्य से ऊपर वर्षा गतिविधि की संभावना है।

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