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Union Agriculture Minister Shivraj Singh Chouhan held discussions with members of farmer organizations in New Delhi today as part of his dialogue with farmers and farmer organizations
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केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किसान और किसान संगठनों से संवाद के क्रम में आज नई दिल्ली में किसान संगठनों के सदस्यों से चर्चा की

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किसान और किसान संगठनों से संवाद के क्रम में आज नई दिल्ली में किसान संगठनों के सदस्यों से चर्चा की। शिवराज सिंह चौहान ने किसान महापंचायत के प्रमुख और उनके संघ के अलग-अलग राज्यों के अनेकों किसान प्रतिनिधियों व किसानों का स्वागत किया। किसान संगठनों ने कई महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की व सुझाव दिये।

शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि आज मेरा सौभाग्य है कि किसान महापंचायत के प्रमुख रामपाल सिंह और उनके संघ के अलग-अलग राज्यों के अनेकों किसान प्रतिनिधियों से बहुत सार्थक चर्चा हुई। हमने कई चीजों का गहराई से अध्ययन किया है। किसानों से चर्चा के दौरान राज्य सरकारों और केंद्र सरकार से संबंधित मुद्दे सामने आये हैं, उन पर गहराई और गंभीरता से विचार करेंगे। कृषि मंत्री होने के नाते मैं पूरा प्रयत्न करूंगा कि किसान कैसे आगे बढ़ें व कृषि क्षेत्र की हालत कैसे ठीक हो।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसान हितैषी हैं। किसानों के साथ संवाद उनकी समस्याओं को समझने में बहुत मदद करता है। शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि किसान महापंचायत के प्रमुख रामपाल सिंह ने कहा कि किसान के लिए काम हो। किसानों ने अनेकों सार्थक मुद्दे उठाये हैं। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में कई चीजें हो रही हैं। किसानों के हित में पिछले दिनों लगातार अनेकों फैसले किये गये हैं जैसे कृषि विकास योजना में लचीलापन- इसमें प्रावधान किया है कि जिस राज्य के लिए जो योजना उपयुक्त हो वह वहीं काम करे। ऐसी कई चीजों पर काम हुए हैं और ऐसी कई चीजों पर काम होने की आवश्यकता है। किसानों ने फसल बीमा योजना सहित कई चीजों की तरफ ध्यान आकर्षित किया है। हम पूरी गंभीरता से इन समस्याओं के समाधान का प्रयत्न करेंगे।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि किसान साथियों से मिलकर मैं बहुत प्रसन्न हूं और इनकी सेवा मेरे लिए भगवान की पूजा है। उन्होंने मीडिया के सवाल का जवाब देते हुए कहा कि फसल बीमा का क्लेम लेने में ऐसी कोई बाध्यता नहीं है ऋणी और अऋणी किसानों में सवैच्छिक हो। कई बार यह देखने में आया है कि स्वैछिक नहीं है तो उसे भी इस योजना के अन्तर्गत लाया जाता है आदि कई चीजों पर चर्चा हुई है।

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