केंद्रीय नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री प्रल्हाद जोशी ने 6 से 9 अक्टूबर 2024 तक जर्मनी की तीन दिन की सफल यात्रा पूरी की। यह यात्रा, हैम्बर्ग स्थिरता सम्मेलन (एचएससी) के अवसर पर आयोजित हुई है। इसने वैश्विक स्थिरता और नवीकरणीय ऊर्जा के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को रेखांकित किया और ऊर्जा क्षेत्र में द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने पर महत्वपूर्ण चर्चा को सुविधाजनक बनाया।
7 अक्टूबर को, केंद्रीय मंत्री महोदय ने हैम्बर्ग स्थिरता सम्मेलन में मुख्य भाषण दिया, जहां उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन सहित वैश्विक नवीकरणीय ऊर्जा और ऊर्जा उपयोग में परिवर्तन की पहल में भारत की भूमिका पर प्रकाश डाला। इस पहल को अब 100 से अधिक देशों का समर्थन प्राप्त है। प्रल्हाद जोशी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की परिकल्पना और नेतृत्व से प्रेरित पिछले दशक में नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में भारत की उल्लेखनीय प्रगति को रेखांकित किया। उन्होंने स्थिरता के प्रति विशेष रूप से हरित पोत परिवहन जैसे क्षेत्रों में भारत की प्रतिबद्धता पर बल दिया। प्रल्हाद जोशी ने वैश्विक ऊर्जा उपयोग में परिवर्तन से उत्पन्न चुनौतियों से निपटने के लिए अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को मजबूत करने का आह्वान किया।
प्रल्हाद जोशी ने यात्रा के हिस्से के रूप में, वैश्विक नेताओं के साथ कई द्विपक्षीय बैठकें कीं। संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) के प्रशासक अचिम स्टेनर के साथ उनकी बैठक भारत के बढ़ते नवीकरणीय ऊर्जा परिदृश्य और सतत विकास के लिए भविष्य के सहयोग पर केंद्रित थी। उन्होंने हरित ऊर्जा और स्थिरता में साझा प्राथमिकताओं पर चर्चा करने के लिए जर्मनी की आर्थिक सहयोग और विकास मंत्री (बीएमजेड) सुश्री स्वेंजा शुल्ज़ से भी भेंट की।
प्रल्हाद जोशी ने हैम्बर्ग स्थिरता सम्मेलन (एचएससी) के अवसर पर जर्मनी के चांसलर ओलाफ स्कोल्ज़ के साथ बातचीत भी की। केंद्रीय मंत्री जोशी ने मिस्र के पेट्रोलियम और प्राकृतिक संसाधन मंत्री करीम बदावी से भी बातचीत की और द्विपक्षीय संबंधों और सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की। उन्होंने एशियाई विकास बैंक की उपाध्यक्ष रोबर्टा कैसाली से भी मुलाकात की और भारत में नवीकरणीय ऊर्जा निवेश पर विचार-विमर्श किया। प्रल्हाद जोशी ने इसके अलावा उज्बेकिस्तान के उप प्रधानमंत्री और अर्थव्यवस्था तथा वित्त मंत्री डॉ. जमशेद खोदजाएव के साथ बातचीत की। इस दौरान उन्होंने ऊर्जा परिदृश्य में वैश्विक बदलाव और ऊर्जा उपयोग में परिवर्तन का समर्थन करने के तरीकों पर चर्चा की।
केंद्रीय मंत्री महोदय ने ब्रिटेन की विकास मंत्री एनेलिस डोड्स से भी मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने स्वच्छ, अधिक टिकाऊ भविष्य के लिए अंतर्राष्ट्रीय सहयोग बढ़ाने पर विचार-विमर्श किया। उन्होंने वैश्विक स्थिरता परियोजनाओं के समर्थन में आईएमएफ की भूमिका पर अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की प्रबंध निदेशक क्रिस्टालिना जॉर्जीवा और हरित ऊर्जा क्षेत्र में भारत के वैश्विक नेतृत्व के संबंध में विश्व बैंक के अध्यक्ष अजय बंगा के साथ विचारों का आदान-प्रदान किया।
बर्लिन में केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी का जर्मनी के कुलपति और आर्थिक मामलों और जलवायु कार्रवाई के संघीय मंत्री डॉ. रॉबर्ट हैबेक ने गर्मजोशी से स्वागत किया। डॉ. हेबेक ने जर्मन संघीय आर्थिक मामलों और जलवायु कार्रवाई मंत्रालय का एक विशेष निर्देशित प्रस्तुति भी दी। डॉ. हेबेक ने केंद्रीय मंत्री जोशी को पिछले 10 वर्षों में भारत के नवीकरणीय क्षेत्र की आश्चर्यजनक वृद्धि की सराहना की और नवीकरणीय ऊर्जा से मिशन 500 गीगावॉट की दिशा में भारत की यात्रा को लेकर बहुत आशावादी थे। श्री जोशी ने एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा, “#एचएससी2024 के मौके पर जर्मनी के कुलपति और आर्थिक मामलों और जलवायु कार्रवाई के संघीय मंत्री डॉ. रॉबर्ट हैबेक के साथ द्विपक्षीय बैठक की। हमने नवीकरणीय ऊर्जा में सहयोग को मजबूत करने पर सार्थक चर्चा की। बैठक के दौरान हरित हाइड्रोजन, अपतटीय पवन, बायोगैस और सौर कचरे के पुनर्चक्रण के अवसरों पर भी विचार-विमर्श किया गया। हमें यह जानकर खुशी हुई कि ऊर्जा परिवर्तन पर भारत और जर्मनी का सहयोग अच्छी तरह से आगे बढ़ रहा है। हमें विश्वास है कि आने वाले वर्षों में भारत जर्मनी के लिए हरित हाइड्रोजन का एक विश्वसनीय स्रोत बनकर उभरेगा।”
बर्लिन में अपने प्रवास के दौरान, प्रल्हाद जोशी ने भारतीय दूतावास द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में भारतीय प्रवासी के सदस्यों के साथ बातचीत की, जहां उन्होंने जर्मनी की अर्थव्यवस्था में उनके योगदान और भारत की वैश्विक उपस्थिति को बढ़ाने में उनकी भूमिका की प्रशंसा की।
सितंबर, 2024 में आयोजित आरई-इन्वेस्ट 2024 के दौरान, भारत और जर्मनी ने नवीकरणीय ऊर्जा में निवेश के लिए भारत-जर्मनी प्लेटफ़ॉर्म शुरू किया था, जो नवीकरणीय ऊर्जा में दोनों देशों के बीच बढ़ते बंधन को दर्शाता है। यह मंच पूंजी की बढ़ती मांग के लिए आगे के व्यावसायिक अवसर और नए रास्ते बनाने, प्रौद्योगिकी हस्तांतरण का समर्थन करने और आरई में नवीन तकनीकी समाधानों के विकास को बढ़ाने की सुविधा प्रदान करेगा।
प्रल्हाद जोशी की जर्मनी यात्रा नवीकरणीय ऊर्जा सहयोग और ऊर्जा उपयोग में परिवर्तन की पहल में भारत के नेतृत्व को आगे बढ़ाने की प्रतिबद्धता के साथ संपन्न हुई। यात्रा के दौरान हुई बैठकों और बातचीत ने ऊर्जा उपयोग में परिवर्तन में गहन सहयोग के लिए एक मजबूत नींव रखी है, जिससे स्थायी भविष्य की तलाश में एक वैश्विक नेता के रूप में भारत की भूमिका मजबूत हुई है।
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