सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय (एमएसएमई) 28 से 30 सितंबर, 2025 तक एमएसएमई सेवा पर्व-2025: विरासत से विकास मना रहा है। भारत सरकार के केंद्रीय एमएसएमई मंत्री जीतन राम मांझी ने इस कार्यक्रम की अध्यक्षता की और भारत सरकार की केंद्रीय एमएसएमई राज्य मंत्री शोभा करंदलाजे ने आज उत्तर प्रदेश के वाराणसी में रुद्राक्ष अंतर्राष्ट्रीय सहयोग एवं सम्मेलन केंद्र में इस कार्यक्रम का उद्घाटन किया। यह कार्यक्रम समुदायों, संस्थाओं और व्यक्तियों को सेवा, सांस्कृतिक गौरव और हमारी विरासत के प्रति जागरूकता बढ़ाने के एक सामूहिक आंदोलन में एक साथ लाने के लिए आयोजित किया गया था।
खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) के अध्यक्ष मनोज कुमार, एमएसएमई मंत्रालय, विकास आयुक्त कार्यालय और खादी ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी), उत्तर प्रदेश सरकार के वरिष्ठ अधिकारी भी इस कार्यक्रम में शामिल हुए।
जीतन राम मांझी ने स्थानीय कारीगरों और शिल्पकारों द्वारा निर्मित उत्पादों की प्रदर्शनी और बिक्री के लिए 130 स्टॉल वाली तीन दिवसीय प्रदर्शनी का भी उद्घाटन किया।
केंद्रीय सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री जीतन राम मांझी ने सभा को संबोधित करते हुए इस अवसर को वास्तव में उल्लेखनीय बनाने के लिए सभी प्रतिभागियों को हार्दिक बधाई दी।
जीतन राम मांझी ने कहा, “भारत में एमएसएमई क्षेत्र का बहुत महत्व है, क्योंकि यह रोज़गार सृजन में सबसे बड़े योगदानकर्ताओं में से एक है। एमएसएमई क्षेत्र को मज़बूत करना ज़रूरी है, क्योंकि यह रोज़गार सृजन और हमारे लोगों को सशक्त बनाने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। इससे हमारा भविष्य उज्ज्वल दिखाई देता है।”
जीतन राम मांझी ने उद्यम पंजीकरण, पीएमईजीपी, सीजीटीएमएसई और एनएसएसएच जैसी प्रमुख पहलों का भी उल्लेख किया और इस बात पर बल दिया कि कैसे मंत्रालय प्रशिक्षण प्रदान करके, टूलकिट वितरित करके और बैंकों के माध्यम से ऋण की सुविधा प्रदान करके लाभार्थियों का सहयोग कर रहा है।
केंद्रीय एमएसएमई राज्य मंत्री शोभा करंदलाजे ने इस कार्यक्रम में बोलते हुए कहा, “हमारा लक्ष्य शिखर तक पहुँचना है। जैसा कि हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कल्पना की है, हमें इसे प्राप्त करने के लिए प्रतिबद्ध रहना चाहिए। प्रधानमंत्री का दृष्टिकोण स्वदेशी को बढ़ावा देने के महात्मा गांधी के स्वप्न को साकार करना है। एमएसएमई क्षेत्र रोज़गार सृजन में एक प्रमुख प्रेरक के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। उद्यम पंजीकरण का महत्व, सकल घरेलू उत्पाद और निर्यात में एमएसएमई का योगदान, और तकनीक, टूलकिट, ऋण और कौशल प्रशिक्षण के माध्यम से उद्यमियों को सशक्त बनाने में उनकी भूमिका आज की दुनिया में अत्यंत महत्वपूर्ण है।”
उन्होंने पीएम विश्वकर्मा, पीएमईजीपी और उद्यम पंजीकरण सहित एमएसएमई मंत्रालय की पहलों पर भी प्रकाश डाला और इस बात पर बल दिया कि उद्यमी किस प्रकार एक विकसित भारत के निर्माण में योगदान दे रहे हैं।
पीएम विश्वकर्मा, खादी एवं ग्रामोद्योग योजना, प्रधानमंत्री रोज़गार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी), राष्ट्रीय एससी/एसटी हब योजना आदि सहित एमएसएमई योजनाओं के 1500 से अधिक लाभार्थियों ने इस कार्यक्रम में भाग लिया।
कार्यक्रम के दौरान, भारत सरकार के एमएसएमई मंत्रालय के संयुक्त सचि विपुल गोयल ने स्वागत भाषण दिया, जिसके बाद भारत सरकार के एमएसएमई मंत्रालय के सचि एस.सी.एल. दास ने विशेष भाषण दिया। उत्तर प्रदेश के वाराणसी के संभागीय आयुक् एस. राजलिंगम ने भी गणमान्य व्यक्तियों और प्रतिभागियों का स्वागत किया।
सेवा पर्व 2025 में खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) और राष्ट्रीय लघु उद्योग निगम (एनएसआईसी) के बीच विपणन पर समझौता ज्ञापन (एमओयू) का आदान-प्रदान भी किया गया, साथ ही पीएमवी लाभार्थियों को ऋण प्रमाण पत्र वितरित किए गए, पीएमईजीपी लाभार्थियों को मार्जिन मनी सब्सिडी का वितरण किया गया और जीवीवाई लाभार्थियों को टूलकिट वितरित किए गए।
इस आयोजन के एक भाग के रूप में, सामुदायिक सेवा और स्वच्छता को प्रोत्साहित करने के लिए आज सुबह नमोघाट पर स्वच्छता कार्यक्रम आयोजित किया गया।
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