भारत के विशाल एवं व्यापक क्षेत्र मेंमतदान केंद्रों पर दिखाई गई भावना और उत्सवपूर्ण वातावरण के आगे गर्मी की धूप फीकी पड़ गई। क्योंकि, दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में आज मतदान हो रहा है। जम्मू-कश्मीर के उधमपुर जैसे कुछ हिस्सों में लोग बारिश से भी प्रभावित नहीं हुए और मतदान के लिए लंबी कतारों में अपनी बारी की प्रतीक्षा करते रहे। पूर्वोत्तर राज्यों अरुणाचल प्रदेश व सिक्किम की 102 संसदीय क्षेत्रों और 92 विधानसभा क्षेत्रोंमें आज एक साथ मतदान हो रहा है। दोपहर 1 बजे तक कई राज्यों/केंद्र-शासित प्रदेशों में पर्याप्त मतदान की सूचना है। राज्यवार मतदान प्रतिशत अनुलग्नक-I में दिया गया है।
पहले चरण में सभी 21 राज्यों/केंद्र-शासित प्रदेशों में मतदान सुचारु और शांतिपूर्ण ढंग से चल रहा है। आज सुबह 7 बजे 102 संसदीय क्षेत्रों में एक साथ मतदान शुरू होने पर मतदान केंद्रों पर लंबी कतारों में खड़े मतदाताओं को वोट देने के लिए अपनी बारी की प्रतीक्षा करते हुए देखा गया। निर्वाचन प्रक्रिया के सुचारु संचालन के लिए पिछले दो वर्षों में मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी) राजीव कुमार के नेतृत्व में निर्वाचन आयुक्त (ईसी) ज्ञानेश कुमार और सुखबीर सिंह संधू के नेतृत्व में आयोग की तैयारी संपूर्ण और अडिग रही है।
सक्रिय लोकतंत्र के परिदृश्य में, ऊर्जावान युवाओं से लेकर समझदार बुजुर्ग, दंपतियों, जनजातीय, विकलांग और मुस्कुराते हुए नवविवाहित सहित सभी उम्र के मतदाता इस चुनावी उत्सव में शामिल हो रहे हैं।
मतदान काफी हद तक शांतिपूर्ण और व्यवस्थित ढंग से संपन्न हो रहा है। मतदान केंद्रों की ओर बढ़ते हुए मतदाता भारतीय संस्कृति के जीवंत परिचायक रंग-बिरंगे पारंपरिक व आधुनिक परिधान धारण किए हुए देखे गए, जिससे उनमें उत्सव की भावना परिलक्षित हो रही थी।
अपनी उंगलियों पर अमिट स्याही को अंकित करने के लिए धैर्य, संकल्प और दृढ़ता की दिल को छू लेने वाली कहानियां सामने आ रही हैं। अरुणाचल प्रदेश के कुरुंग कुमेय जिले में एक बुजुर्ग मतदाता ने घर से वोट देने का विकल्प होने के बावजूद मतदान केंद्र पर जाकर वोट डालने का विकल्प चुना।
दूसरी ओर, मध्य प्रदेश के डिंडोरी में पारंपरिक पोशाक में पहली बार मतदान कर रही देवकी ने वोट डालने के बाद अपनी स्याही लगी उंगली के साथ गर्व से पोज देकर अपनी खुशी व्यक्त की। उत्सव के माहौल को और बढ़ाते हुए, नव-विवाहित मतदाताओं ने भी गर्व से सोशल मीडिया पर अपनी स्याही लगी उंगलियों के साथ सेल्फी पोस्ट कीं।
आज मतदान केंद्रों के दृश्यों में समावेशी चुनाव सुनिश्चित करने के प्रयासों के सफल परिणाम देखने को मिले, क्योंकि विशेष तौर पर कमजोर जनजातीय समूह (पीवीटीजी) के मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करने की खुशी से झूमते हुए देश भर के मतदान केंद्रों पर आए। दक्षिण अंडमान में स्ट्रेट द्वीप से ग्रेट अंडमानी जनजाति ने भी उत्साहपूर्वक भाग लिया।
निर्वाचन आयोग ने मतदान को सुखद और यादगार अनुभव में बदलने पर विशेष जोर दिया है। पानी, शेड, शौचालय, रैंप, स्वयंसेवक, व्हीलचेयर और बिजली जैसी न्यूनतम सुविधाएं मौजूद हैं, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि बुजुर्गों और दिव्यांगजनों सहित प्रत्येक मतदाता आसानी से अपना वोट डाल सके। छत्तीसगढ़ में वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में भी शांतिपूर्ण मतदान की खबरें आ रही हैं।
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