देश में पारा चढ़ने के साथ बिजली की अधिकतम मांग मई में 235 गीगावाट के आसपास बनी हुई है। गर्मी बढ़ने और लू चलने के साथ मुख्य रूप से बड़े पैमाने पर एयर कंडीशनर और कूलर के उपयोग के कारण बिजली की मांग बढ़ी है।
बिजली मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, बिजली की अधिकतम मांग छह मई को दिन में 233 गीगावाट (एक गीगावाट बराबर 1,000 मेगावाट) पर पहुंच गयी। एक साल पहले इस दौरान यह 221.42 गीगवाट थी।
राष्ट्रीय राजधानी में पारा चढ़ने और कुछ इलाकों में लू चलने के साथ सोमवार को बिजली की अधिकतम मांग 7,572 मेगावाट पर पहुंच गयी। यह मई में राष्ट्रीय राजधानी में अबतक की सर्वाधिक मांग है। शहर की प्रमुख बिजली वितरण कंपनियों बीएसईईएस और टाटा पावर दिल्ली डिस्ट्रिब्यूशन लि. ने अपने-अपने क्षेत्रों में बिजली की अधिकतम मांग को पूरा करने का दावा किया है।
दिल्ली स्टेट लोड डिस्पैच सेंटर (एसएलडीसी) की वेबसाइट पर उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, सोमवार को अपराह्न 3.33 बजे बिजली की अधिकतम मांग 7,572 मेगावाट पर पहुंच गयी। यह मई में अबतक की सर्वाधिक मांग है। पिछले साल 22 अगस्त को बिजली की अधिकतम मांग 7,438 मेगावाट गयी थी। यह उससे भी अधिक है।
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