नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ. वी के पॉल ने आज भारत मंडपम में 43वें IITF में स्वास्थ्य मंत्रालय के स्वास्थ्य मंडप का उद्घाटन किया

नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ. वी. के. पॉल ने आज यहां भारत मंडपम में 43वें भारतीय अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले (आईआईटीएफ) में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के स्वास्थ्य मंडप का उद्घाटन किया। इस अवसर पर केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव पुण्य सलिला श्रीवास्तव भी मौजूद थीं। इस वर्ष का मंडप ‘एक स्वास्थ्य’की थीम पर केंद्रित है – एक व्यापक दृष्टिकोण जो मानव, पशु, पौधे और पारिस्थितिकी तंत्र के स्वास्थ्य के परस्पर संबंध पर जोर देता है।

डॉ. पॉल ने उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा, “माननीय प्रधानमंत्री का विकसित भारत के प्रति दृष्टिकोण, निरामय भारत के दृष्टिकोण को प्राप्त करना भी शामिल करता है।”उन्होंने कहा, “पिछले दस वर्षों में स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में सुधार के लिए एक ‘टर्निंग पॉइंट’ देखा गया है, चाहे वह सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज के सपने को प्राप्त करने की दिशा में काम करना हो या मानव संसाधन का निर्माण करना हो या बीमारी की रोकथाम के क्षेत्र में काम करना हो।” उन्होंने कहा, “सरकार जिस गति से काम कर रही है, वह न केवल भारत को सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) को प्राप्त करने में सक्षम बनाएगी, बल्कि जीवन प्रत्याशा, शिशु मृत्यु दर आदि जैसे कुछ स्वास्थ्य संकेतकों में भारत को विकसित देशों के बराबर लाएगी।”

डॉ. पॉल ने बताया कि भारत में सिकल सेल एनीमिया के लिए 5 करोड़ से ज़्यादा लोगों की स्क्रीनिंग की जा चुकी है और 8 करोड़ लोगों की स्क्रीनिंग के लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा, “मानसिक स्वास्थ्य, मौखिक स्वास्थ्य और परिवार नियोजन जैसे अन्य कार्यक्रमों में भी इसी तरह की प्रगति हो रही है।”

समग्र स्वास्थ्य सेवा के प्रति भारत के दृष्टिकोण में आए बदलाव पर प्रकाश डालते हुए डॉ. पॉल ने इस लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में की गई प्रमुख पहलों को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि एबी पीएम-जेएवाई का हाल ही में विस्तार किया गया है, जिसके अंतर्गत अब 70 वर्ष और उससे अधिक आयु के सभी वरिष्ठ नागरिकों को शामिल किया गया है, जबकि आयुष्मान आरोग्य मंदिरों का नेटवर्क व्यापक प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान कर रहा है।

डॉ. पॉल ने बताया कि भारत ने खसरा, रूबेला, ट्रेकोमा, काला-आज़ार, टीबी, कुष्ठ रोग और लिम्फेटिक फाइलेरियासिस सहित 7 बीमारियों को समाप्त कर दिया है या अगले 5 वर्षों में इन्हें समाप्त करने के कगार पर है। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि अगले कुछ वर्षों में भारत मलेरिया के उन्मूलन के करीब होगा और देश भर में बीमारी उन्मूलन की दिशा में जारी बुनियादी ढांचे के विकास पर भी प्रकाश डाला।

इस बात पर जोर देते हुए कि स्वास्थ्य क्षेत्र ने पिछले दशक में ऐतिहासिक समर्थन हासिल किया है, डॉ. पॉल ने सभी को मंडप में लगे अनुभव स्टॉलों पर जाकर विभिन्न स्वास्थ्य कार्यक्रमों में हो रही प्रगति को समझने के लिए प्रोत्साहित किया।

इस कार्यक्रम में स्वास्थ्य मंत्रालय की अपर सचिव आराधना पटनायक, स्वास्थ्य मंत्रालय की अपर सचिव रोली सिंह, स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव राजीव वधावन और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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