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पीएलआई योजना के अंतर्गत एसी और एलईडी लाइट के कलपुर्जों के उत्पादन के लिए 24 कंपनियों का चयन

पीएलआई योजना के तीसरे दौर में कुल 24 लाभार्थी कंपनियों ने 3,516 करोड़ रुपये के निवेश की प्रतिबद्धता जताई है। इस योजना से पूरे भारत में एसी और एलईडी लाइट के कलपुर्जों के उत्पादन को काफी बढ़ावा मिलने की आशा है। उत्पादन से जुड़े प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के ऑनलाइन आवेदन विंडो के तीसरे दौर में कुल 38 आवेदन प्राप्त हुए थे। इन आवेदनों की समीक्षा के बाद सरकार ने 18 नई कंपनियों का अनंतिम रूप से चयन किया है। इन कंपनियों में एयर कंडीशनर के कलपुर्जों के 10 निर्माता और एलईडी लाइट के 8 निर्माता शामिल हैं, जिन्होंने 2,299 करोड़ रुपये के निवेश की प्रतिबद्धता जताई है।

इसके अतिरिक्त, 6 मौजूदा पीएलआई लाभार्थी कंपनियों को उच्चतर निवेश श्रेणियों में अपग्रेड करने के लिए अनंतिम रूप से चुना गया है, जिससे 1,217 करोड़ रुपये का अतिरिक्त निवेश होगा।

दो मौजूदा आवेदकों सहित 13 आवेदकों को जांच और उसकी सिफारिशों के लिए विशेषज्ञों की समिति (सीओई) के पास भेजा जा रहा है। आवेदकों का विवरण अनुलग्नक में दिया गया है।

आवेदकों में से एक ने योजना से बाहर निकलने का निर्णय लिया है तथा आवेदन वापस ले लिया है। कुल मिलाकर, श्वेत वस्तुओं के लिए पीएलआई योजना के अंतर्गत 84 कंपनियां 10,478 करोड़ रुपये का निवेश लाने वाली हैं, जिसके परिणामस्वरूप 1,72,663 करोड़ रुपये का उत्पादन होगा।

इस पहल से इस क्षेत्र में विनिर्माण क्षमताओं और आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। एयर कंडीशनर के लिए, कंपनियाँ कम्प्रेसर, कॉपर ट्यूब (आईडीयू या ओडीयू के लिए प्लेन और/या ग्रूव्ड कंट्रोल असेंबली, हीट एक्सचेंजर्स और बीएलडीसी मोटर्स आदि जैसे घटकों का निर्माण करेंगी। इसी तरह, एलईडी लाइट्स, एलईडी चिप पैकेजिंग, एलईडी ड्राइवर्स, एलईडी इंजन, एलईडी लाइट मैनेजमेंट सिस्टम और कैपेसिटर आदि के लिए मेटलाइज्ड फिल्म्स का निर्माण भारत में किया जाएगा।

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 7 अप्रैल 2021 को 6,238 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ वित्त वर्ष 2021-22 से वित्त वर्ष 2028-29 तक लागू की जाने वाली श्वेत वस्तुओं (एयर कंडीशनर और एलईडी लाइट) के लिए उत्पादन-लिंक्ड प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना को स्‍वीकृति दी थी।

श्वेत वस्‍तुओं पर पीएलआई योजना भारत में एयर कंडीशनर और एलईडी लाइट्स उद्योग के लिए एक मजबूत घटक इकोसिस्‍टम बनाने और भारत को वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं का एक अभिन्न अंग बनाने के लिए डिज़ाइन की गई है। यह योजना आधार वर्ष के बाद पांच (5) वर्षों की अवधि और प्रारंभिक अवधि के एक वर्ष के लिए वृद्धिशील बिक्री पर घटते आधार पर 6 प्रतिशत से 4 प्रतिशत का प्रोत्साहन देती है। घरेलू मूल्य संवर्धन वर्तमान 15-20 प्रतिशत से बढ़कर 75-80 प्रतिशत होने की उम्मीद है।

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