संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही सरकार और विपक्ष के पांच दिनों का गतिरोध समाप्त होने के बाद आज सामान्य रूप से शुरू हुई। लोकसभा और राज्यसभा में प्रश्नकाल और शून्यकाल के दौरान सार्वजनिक महत्व के मुद्दों को उठाया गया।
लोकसभा में सदन की कार्यवाही जब शुरू हुई तो विपक्षी दलों ने उत्तर प्रदेश के संभल जिले में हिंसा और प्रतिष्ठित व्यापारिक समूह के विरूद्ध कथित रिश्वत के मामलों सहित विभिन्न मुद्दों पर विरोध प्रदर्शन करते हुए कुछ समय के लिए वॉकआउट किया। विपक्षी सदस्यों ने उन मुद्दों को उठाने की कोशिश की लेकिन उन्हें अनुमति नहीं दी गई। अध्यक्ष ओम बिरला ने उन्हें शून्यकाल के दौरान इन मुद्दों को उठाने को कहा। कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, द्रविड मुनेत्र कषगम और अन्य दलों के सदस्यों ने शोर शराबा किया।
राज्यसभा में समाजवादी पार्टी के सांसद प्रोफेसर रामगोपाल यादव ने इस मुद्दे को उठाया और इस मामले में राज्य पुलिस की मनमानी का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि घटना में पांच लोग मारे गए हैं और बीस लोग घायल हुए है। समाजवादी पार्टी और तृणमूल कांग्रेस के सदस्यों ने इस मुद्दे का विरोध करते हुए राज्यसभा से कुछ समय के लिए वॉकआउट किया।
संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा है कि देश को प्रभावी ढंग से चलाने के लिए संसद की कार्यवाही का सुचारू रूप से चलना आवश्यक है। देश को चलाने के लिए भारत का संसद चलना बहुत जरूरी है एक चीज है जो बहुत से लोगों को पता नहीं है। पार्लियामेंट ठीक से अगर नहीं चलेगा तो उसमें सबसे ज्यादा नुकसान देश को होता है और अपोजिशन एम्पीज का होता है। संसद को इस तरीके से बाधित करना और डिस्रप्शन करना यह देश हित में भी नहीं है पार्लियामेंट को डिस्टर्ब करना यह अपोजिशन एम्पीज का बड़ा नुकसान हो रहा है और देश का तो नुकसान है ही।
किरेन रिजिजू ने कहा कि लोकसभा में 13 और 14 दिसंबर को तथा राज्यसभा में 16 और 17 दिसंबर को संविधान पर चर्चा होगी।