आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए थल सेना ने टी-90 भीष्म टैंक का नया संस्करण तैयार किया है। वर्ष 2003 से मुख्य युद्धक टैंक टी-90 भीष्म अपनी मारक क्षमता, गति और सुरक्षा के लिए जाना जाता है। टैंक का नया संस्करण और अधिक शक्तिशाली तथा घातक बनाया गया है।
थल सेना अध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने हाल ही में टी-90 भीष्म टैंक के इस नए संस्करण को थल सेना में शामिल किया। टी-90 भीष्म टैंक का यह नया संस्करण दिल्ली छावनी की 505 आमी बेस वर्कशॉप में तैयार किया गया है।
लगभग 47 टन वजन का यह टैंक 9.6 मीटर लंबा और 2.8 मीटर चौड़ा है। इसका छोटा आकार इसे जंगल, पहाड़ और दलदल वाले इलाकों में 60 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ़्तार हासिल करने में मदद करता है। इस टैंक पर 125 मिलीमीटर की स्मूथबोर गन लगाई गई है। टैंक पर लगी एंटी-एयरक्राफ्ट गन दो किलोमीटर तक के लक्ष्य को भेद सकती है।
चक्रवात दित्वा के चलते श्रीलंका के कोलंबो में फंसे 335 भारतीयों को सुरक्षित तिरुवनंतपुरम ले…
नागालैंड आज अपना स्थापना दिवस मना रहा है। साथ ही आज से कोहिमा के विरासत…
संसद का शीतकालीन सत्र आज से शुरू हो रहा है। हमारे संवाददाता ने बताया है…
तीन मैचों की एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय श्रृंखला के पहले मैच में रांची में कल भारत…
दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल ने एक अंतर्राष्ट्रीय और अंतरराज्यीय पाकिस्तान-समर्थित गैंगस्टर से टेरर मॉड्यूल का…
सीएक्यूएम (एनसीआर और आसपास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग) द्वारा जमीनी निगरानी को…