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ब्राजील के उपराष्ट्रपति गेराल्डो अल्कमिन, रक्षा मंत्री जोस मुसियो मोंटेइरो फिल्हो और केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने भारत-ब्राजील व्यापार वार्ता को संबोधित किया

केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने गुरुवार को भारत-ब्राजील व्यापार वार्ता को संबोधित किया तथा भारत की मजबूत आर्थिक वृद्धि और ब्राजील के साथ उसकी गहरी होती द्विपक्षीय साझेदारी पर प्रकाश डाला।

पीयूष गोयल ने इस अवसर पर ब्राजील के उपराष्ट्रपति गेराल्डो अल्कमिन और रक्षा मंत्री जोस मुसियो मोंटेइरो फिल्हो की भागीदारी के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने इस यात्रा को ब्राजील और भारत के बीच अपने सामरिक और आर्थिक संबंधों को और गहरा करने की दृढ़ प्रतिबद्धता का प्रतिबिंब बताया।

मंत्री महोदय ने विश्व खाद्य दिवस के अवसर पर भारत और ब्राज़ील की साझा कृषि शक्तियों पर प्रकाश डाला– ये दो प्रमुख कृषि उत्पादक देश हैं जो वैश्विक खाद्य सुरक्षा में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं। उन्होंने आशा व्यक्त की कि इस संवाद से कृषि-व्यवसाय और खाद्य प्रसंस्करण में और अधिक सहयोग को बढ़ावा मिलेगा।

पीयूष गोयल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का हवाला देते हुए कहा कि भारत-ब्राजील संबंध “कार्निवल की तरह रंगीन और फुटबॉल की तरह जोशीले” होने चाहिए। उन्होंने अपनी स्वास्थ्य सेवा प्रणालियों में योग और आयुर्वेद को शामिल करने के लिए ब्राजील की सराहना की और कहा कि पारंपरिक ज्ञान और स्वास्थ्य पद्धतियां दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक और स्वास्थ्य सहयोग को और मजबूत कर सकती हैं।

उन्होंने बताया कि पहली तिमाही में भारत की जीडीपी 7.8 प्रतिशत बढ़ी है, जिससे यह पिछले चार वर्षों में दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ने वाली बड़ी अर्थव्यवस्था बन गई है। मंत्री महोदय ने विश्वास व्यक्त किया कि भारत कम से कम अगले दो दशकों तक इस गति को जारी रखेगा।

पीयूष गोयल ने रेखांकित किया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत की विकास गाथा तीन मजबूत स्तंभों पर टिकी है। उन्होंने कहा कि पहला स्तंभ मजबूत व्यापक आर्थिक बुनियादी ढांचे का निर्माण है। सरकार ने निम्न मुद्रास्फीति को बनाए रखा है, निरंतर विकास सुनिश्चित किया है, बैंकिंग प्रणाली को मजबूत किया है और दुनिया में सबसे मजबूत विदेशी मुद्रा भंडार में से एक बनाया है। विदेशी मुद्रा मजबूती के मामले में भारत 700 अरब अमेरिकी डॉलर के विदेशी मुद्रा भंडार को हासिल करने के साथ ही दुनिया के शीर्ष पांच देशों में शामिल हो गया है। पीयूष गोयल ने जोर देकर कहा कि ये मजबूत व्यापक आर्थिक बुनियादी ढांचे देश को महत्वाकांक्षी विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने और अपनी विकास यात्रा को गति देने के लिए आधार प्रदान करते हैं।

पीयूष गोयल ने कहा कि दूसरा स्तंभ देश के सुदूर कोनों तक आधुनिक, उच्च-गुणवत्ता वाला बुनियादी ढांचा पहुंचाने पर केंद्रित है। उन्होंने कहा कि अच्छा बुनियादी ढांचा प्रतिस्पर्धात्मकता की नींव है और पूरे भारत में समान विकास का वाहक है। उन्होंने जोर देकर कहा कि बुनियादी ढांचे में निवेश न केवल कनेक्टिविटी में सुधार करता है और लॉजिस्टिक्स लागत को कम करता है बल्कि व्यवसायों के विस्तार और रोजगार सृजन की भारत की क्षमता को भी मजबूत करता है। ये निवेश युवा पुरुषों और महिलाओं को राष्ट्र निर्माण में योगदान करने, उद्यमियों और स्टार्ट-अप्स का समर्थन करने और व्यवसाय एवं नवाचार के नए रास्ते खोलने के अवसर प्रदान करते हैं। पीयूष गोयल ने इस बात पर जोर दिया कि पिछले एक दशक में बुनियादी ढांचे का विकास सरकार के प्रमुख फोकस क्षेत्रों में से एक रहा है।

मंत्री महोदय ने कहा कि भारत की विकास गाथा का तीसरा स्तंभ लोगों के जीवन स्तर में सुधार लाने पर केंद्रित है। उन्होंने कहा कि सरकार ने मध्यम वर्ग पर आयकर का बोझ कम किया है और व्यावसायिक प्रक्रिया को आसान करने के लिए वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) प्रणाली को सरल बनाया है। पिछले 22 सितंबर को लागू हुए हालिया जीएसटी सुधारों ने कर दरों में उल्लेखनीय कमी की है और उसका पालन करना आसान हुआ है। पीयूष गोयल ने इस बात पर प्रकाश डाला कि ये उपाय नागरिकों की व्यय क्षमता को बढ़ाते हैं और उनके परिवारों के लिए जीवनस्तर को बेहतर बनाते हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सरकार के निरंतर प्रयासों का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि आर्थिक विकास से प्रत्येक व्यक्ति को लाभ मिले और विकास समावेशी और व्यापक आधार वाला बना रहे।

पीयूष गोयल ने आईएमएफ प्रमुख द्वारा भारत के आर्थिक क्षेत्र में सुधारों की प्रशंसा करते हुए हाल ही में दिए गए बयान का उल्लेख करते हुए इस बात पर प्रकाश डाला कि आईएमएफ ने 2025 के लिए भारत के विकास अनुमान को 6.4 से बढ़ाकर 6.6 प्रतिशत कर दिया है। उन्होंने कहा कि पिछले 12 वर्षों में 25 करोड़ भारतीयों को गरीबी से बाहर निकाला गया है, जिससे एक मजबूत और आकांक्षी मध्यम वर्ग का निर्माण हुआ है और जो अब देश के उपभोग और विकास की कहानी को गति दे रहा है।

मंत्री महोदय ने इस बात पर जोर दिया कि भारत के कल्याण और बुनियादी ढांचे में निवेश एक अधिक समावेशी और टिकाऊ अर्थव्यवस्था बनाने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं- यह सुनिश्चित करते हुए कि प्रत्येक नागरिक की भोजन, आवास, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा, बिजली, डिजिटल कनेक्टिविटी और स्वच्छ पानी तक पहुंच आसान हो।

उन्होंने सुधारों, व्यापार सुगमता और अनुपालन बोझ कम करने के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने कहा कि इन प्रयासों से निवेशकों का विश्वास मज़बूत हुआ है और भारत निकट भविष्य में दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है, जिसका लक्ष्य 2047 तक 30-35 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था बनना है।

पीयूष गोयल ने इस बात पर ज़ोर दिया कि 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनने का भारत का मिशन 1.4 अरब नागरिकों के सामूहिक संकल्प से प्रेरित है। उन्होंने समावेशी विकास, वैश्विक सहयोग और उन्नत एवं उभरती अर्थव्यवस्थाओं के साथ मुक्त व्यापार समझौतों के माध्यम से व्यापार एवं निवेश साझेदारी के विस्तार के प्रति भारत की प्रतिबद्धता दोहराई।

मंत्री महोदय ने अपने संबोधन के समापन पर ब्राजील के राष्ट्रपति लुईज़ इनासियो लूला दा सिल्वा के कथन को उद्धृत किया, “कोई भी पेड़ लगाए बिना फल नहीं काट सकता।” उन्होंने कहा कि भारत ने दीर्घकालिक विकास और साझेदारी के बीज बोए हैं और विश्वास व्यक्त किया कि भारत और ब्राजील के बीच मैत्री दोनों देशों के लिए स्थायी समृद्धि का स्रोत बनेगी।

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