वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (CSIR) के जिज्ञासा प्रभाग-राष्ट्रीय विज्ञान संचार और नीति अनुसंधान संस्थान (एनआईएससीपीआर) ने आज CSIR-NISCPR परिसर, नई दिल्ली के विवेकानंद हॉल में “जलवायु परिवर्तन का प्रभाव: खाद्य और जल स्थिरता” शीर्षक से एक छात्र-विज्ञान संपर्क कार्यक्रम की मेजबानी की।
इस कार्यक्रम का उद्देश्य स्कूली छात्रों को जोड़कर विज्ञान शिक्षा के माध्यम से स्थिरता की दिशा में काम करना है। इस कार्यक्रम में दो स्कूल, केंद्रीय विद्यालय बीएसएफ कैंप छावला और कैम्ब्रिज स्कूल, श्रीनिवासपुरी, नई दिल्ली से कुल 55 छात्रों ने भाग लिया।
CSIR-NISCPR की निदेशक प्रोफेसर रंजना अग्रवाल ने कहा, “जलवायु परिवर्तन के गंभीर चुनौतियों से निपटने के क्रम में, हमने ‘रिंकल अच्छे हैं’ अभियान शुरू किया है जिसमें कर्मचारी ऊर्जा संरक्षण को प्रोत्साहित करने के लिए बिना इस्त्री किए कपड़े पहनेंगे। हमारा लक्ष्य जलवायु परिवर्तन के बारे में जागरूकता बढ़ाना और छात्रों को पर्यावरण संरक्षण और ऊर्जा-बचत संबंधी तौर-तरीकों में सक्रिय रूप से भाग लेने के लिए प्रेरित करना है। इस छात्र-विज्ञान संपर्क कार्यक्रम के माध्यम से, हम एक ऐसी पीढ़ी को तैयार करने के लिए समर्पित हैं जो अपने पर्यावरणीय प्रभाव से अवगत हो और उसमें सकारात्मक बदलाव लाने के लिए तैयार हो।”
इस कार्यक्रम में निर्भया विज्ञान संग्रहालय, एमसीडी, नई दिल्ली के अमित कुमार शर्मा के नेतृत्व में “डूइंग साइंस इज फन” नामक एक आकर्षक गतिविधि भी प्रदर्शित की गई। ‘स्वास्तिक’ प्रदर्शनी का दौरा भी इस कार्यक्रम का एक हिस्सा था। इस कार्यक्रम में सीएसआईआर-एनआईएससीपीआर जिज्ञासा परियोजना के प्रधान अन्वेषक और नोडल अधिकारी, डॉ. सुमन रे (प्रधान वैज्ञानिक), वरिष्ठ वैज्ञानिक, डॉ. शिव नारायण निषाद, और सीएसआईआर-एनआईएससीपीआर के वरिष्ठ प्रधान वैज्ञानिक डॉ. कणिका मलिक भी उपस्थित थे।
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