चुनाव आयोग मतदान संबंधी डेटा जारी करने की प्रक्रिया पर माननीय उच्चतम न्यायालय के फैसले और टिप्पणियों से खुद को बहुत मजबूत महसूस कर रहा है। इससे चुनाव आयोग पर निर्विवाद संकल्प के साथ चुनावी लोकतंत्र को मजबूत करने और सेवा करने की एक उच्च जिम्मेदारी मिली है।
इसलिए आयोग ने मतदान डेटा जारी करने के प्रारूप को और विस्तारित करने का निर्णय लिया है, जिसमें प्रत्येक संसदीय क्षेत्र में मतदाताओं की वास्तविक संख्या शामिल है, इससे निश्चित रूप से सभी नागरिकों द्वारा कुल मतदाताओं के मतदान प्रतिशत को संसदीय निर्वाचन क्षेत्रवार समझा जा सकता है, हालांकि दोनों पहले से ही सार्वजनिक डोमेन में उपलब्ध है।
मतदान किए गए मतों की संख्या में किसी प्रकार का बदलाव संभव नहीं है
मतदान किए गए मतों के संग्रह और भंडारण की प्रक्रिया सख्त, पारदर्शी और सहभागी है। आयोग और राज्यों में उसके अधिकारी वैधानिक विचारों को ध्यान में रखते हुए सर्वोत्तम संभव उपायों से मतदान के आंकड़ों का प्रसार कर रहे हैं। 19 अप्रैल 2024 को मतदान शुरू होने की तारीख से मतदान के आंकड़े जारी करने की पूरी कवायद बिना किसी विसंगति के और चुनाव कानूनों के अनुसार, सटीक संख्या के साथ और सुसंगत रूप से चल रही है। वहीं आयोग ने सार्वजनिक क्षेत्र में और व्यक्तिगत राजनीतिक दलों को मतदान डेटा की रिकॉर्डिंग और रिलीज की विस्तृत प्रक्रिया और भंडारण करने का तरीका व फॉर्म 17 सी के उपयोग के बारे में भी बताया है। बेहतर समझ के लिए, प्रक्रिया के बारे में संक्षेप में नीचे जानकारी दी गई है:
ऐप पर वोटर टर्नआउट डेटा हमेशा उपलब्ध है
आयोग ने कहा कि कुल मतों के डेटा जारी करने में कभी कोई देरी नहीं हुई है। प्रत्येक चरण के मतदान वाले दिन सुबह 9:30 बजे से वोटर टर्नआउट ऐप पर कुल मतों संबंधी डेटा हमेशा 24X7उपलब्ध रहता है। यह दो घंटे के अंतराल पर शाम 5:30 बजे तक अनुमानित रूप से प्रकाशित किया जाता है। शाम 19:00 बजे के बाद जब पोलिंग पार्टियां आने लगती हैं, डेटा लगातार अपडेट किया जाता है। मतदान के दिन आधी रात तक, वोटर टर्नआउट ऐप सबसे अच्छा अनुमानित “क्लोज ऑफ पोल (सीओपी)” डेटा प्रतिशत के रूप में प्रकाशित करता है। विभिन्न मीडिया संगठन अपनी सुविधा अनुसार और अगली सुबह रिपोर्ट करने के लिए अलग-अलग समय पर डेटा उठाते हैं। मतदान दलों के आने के बाद, भौगोलिक और मौसम की स्थिति पर निर्भर करता है, मतदाताओं का डेटा पी + 1 या पी + 2 या पी + 3 या अधिक दिन में अंतिम रूप से प्राप्त होता है, पार्टियों के आगमन और पुनः चुनावों की संख्या, अगर कोई हो, पर निर्भर करता है।
प्रेस नोट जारी करना केवल एक और अतिरिक्त सुविधाजनक उपाय है, जबकि वास्तविक डेटा वोटर टर्नआउट ऐप पर हमेशा 24X7 उपलब्ध है। आयोग ने पांच चरणों के मतदान पर 13 प्रेस नोट जारी किए हैं। प्रथम चरण में प्रेस नोट जारी करने में हुई कथित देरी का मतलब यह नहीं है कि डेटा सार्वजनिक डोमेन में उपलब्ध नहीं था क्योंकि यह हर समय वोटर टर्नआउट ऐप के माध्यम से उपलब्ध रहा है। हाल के सुविधाजनक उपायों में, चुनाव आयोग ने:
आयोग चुनाव के प्रत्येक चरण में पारदर्शिता और हितधारकों की भागीदारी को उच्चतम स्तर पर रखने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।
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