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खाद्य सुरक्षा जागरूकता अभियान के लिए नुब्रा घाटी में अधिक ऊंचाई वाले स्थान पर फूड सेफटी ऑन व्हील्स लागू किया गया

भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) की ओर से देश के सभी हिस्सों में खाद्य परीक्षण और जागरूकता अभियान के हिस्से के रूप में खाद्य सुरक्षा ऑन व्हील्स (एफएसडब्ल्यू) पहल चलाई जा रही है। इस पहल के माध्यम से एफएसएसएआई महत्वपूर्ण मील के पत्थर हासिल कर रहा है। अपने मिशन के अनुरूप, 27 और 28 सितंबर को खारदुंग ला से होते हुए 17,582 फीट की अत्यधिक ऊंचाई पर नुब्रा घाटी में एक जागरूकता अभियान शुरू किया गया था। यह पहल इतनी ऊंचाई पर पहली व्यापक खाद्य सुरक्षा अभियान को चिह्नित करती है, और अधिक ऊंचाई वाले स्थान के साथ-साथ दूरदराज के क्षेत्रों में खाद्य सुरक्षा को बढ़ाने में एफएसडब्ल्यू की प्रभावशीलता को उजागर करती है।

इस अभियान का मुख्य उद्देश्य दूध, मसालों और जूस सहित विभिन्न खाद्य उत्पादों की मौके पर ही जांच करके खाद्य सुरक्षा मानकों का पालन सुनिश्चित करना था। दो दिवसीय पहल के दौरान, खाद्य के कुल 35 नमूनों का परीक्षण किया गया। इनमें दूध के 12 नमूने, मसालों के 8 नमूने और जूस के 9 नमूने शामिल थे। इसके अलावा, विस्तृत माइक्रोबियल विश्लेषण के लिए स्थानीय जल के छह नमूने संग्रहित किए गए।

इस अभियान के तहत मुख्य रूप से स्थानीय खाद्य व्यवसाय संचालकों (एफबीओ) को खाद्य सुरक्षा प्रणालियों का पालन करने, आवश्यक पंजीकरण और लाइसेंस प्राप्त करने तथा उल्लंघन के संभावित परिणामों को समझने के महत्व के बारे में शिक्षित करने पर जोर देना था। जागरूकता बढ़ाने के लिए, स्वच्छता मानकों पर जोर दिया गया और एफबीओ के बीच बेहतर खाद्य सुरक्षा प्रणालियों को बढ़ावा देने के लिए सूचनाप्रद डिस्प्ले बोर्ड वितरित किए गए।

एफएसएसएआई की “फूड सेफटी ऑन व्हील” (एफएसडब्ल्यू) पहल में खाद्य-परीक्षण वाहन शामिल हैं। इनके माध्यम से, न केवल दूध, पानी, खाद्य तेल और अन्य रोजमर्रा के खाद्य पदार्थों में आम मिलावटों के लिए सरल परीक्षण करते हैं, बल्कि वे नागरिकों के बीच खाद्य सुरक्षा के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण उपकरण के रूप में भी काम करते हैं। परीक्षण के अलावा, एफएसडब्ल्यू को खाद्य संचालकों और पर्यवेक्षकों के लिए विशेष रूप से छोटे खाद्य व्यवसायों पर ध्यान केंद्रित करते हुए, प्रशिक्षण और प्रमाणन पाठ्यक्रम आयोजित करने के लिए डिजाइन किया गया है। इसके अलावा, मोबाइल इकाइयां विभिन्न राज्यों में क्षेत्र के कार्यकर्ताओं को अपने आउटरीच का विस्तार करने और दूरदराज के क्षेत्रों में भी निगरानी गतिविधियां संचालित करने के लिए सशक्त बनाती हैं।

लेह के औषधि एवं खाद्य नियंत्रण संगठन के खाद्य सुरक्षा विभाग द्वारा खाद्य सुरक्षा अधिकारी त्सेरिंग चोरोल, पद्मा आंगमो, पद्मा यांगजेस और खाद्य विश्लेषक हुमैरा यासीन के नेतृत्व में नुब्रा घाटी में चलाया गया यह अभियान, सबसे दूरस्थ और चुनौतीपूर्ण क्षेत्रों में भी सार्वजनिक स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए अपनी अटूट प्रतिबद्धता को चिन्हित करता है।

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