जी-20 देशों ने ब्राजील में 19वें शिखर सम्मेलन में रियो दी जिनेरियो घोषणा-पत्र को अंगीकृत किया है। इसरो में जलवायु परिवर्तन और यूक्रेन तथा पश्चिम एशिया में युद्ध को समाप्त करने के लिए पहल की अपील की गई है। घोषणा-पत्र का उद्देश्य विश्व की प्रमुख चुनौतियों का समाधान करना और टिकाऊ तथा समावेशी विकास को बढावा देना है। घोषणा पत्र कल रात जारी किया गया।
इस वर्ष का जी-20 घोषणा पत्र सतत विकास, जलवायु परिवर्तन, वैश्विक स्वास्थ्य, आर्थिक सुधार और बहुपक्षीयता के भविष्य पर ज़ोर डालता है। इसमें जी-20 देशों ने संकल्प लिया कि 2050 तक नेट-जीरो एमिशन लक्ष्य को हासिल किया जाएगा, साथ ही विकासशील देशों को स्वच्छ ऊर्जा के ट्रांजिशन में मदद की जाएगी। इसमें संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों को पूरा करने की प्रतिबद्धता व्यक्त की गई है, जिसमें गरीबी, लिंग समानता और सार्वभौमिक शिक्षा तथा स्वास्थ्य देखभाल तक पहुंच सुनिश्चित करना शामिल है। घोषणा पत्र में अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों के सुधार की आवश्यकता पर जोर डाला गया है, ताकि विकासशील देशों को राहत और जलवायु अनुकूलन के लिए वित्तीय सहायता मिल सके। यह घोषणा पत्र वैश्विक शांति और स्थिरता के लिए बहुपक्षीय कूटनीति के महत्व को फिर से स्थापित करता है और समावेशी और सतत वैश्विक भविष्य की दिशा में एक ठोस कदम है।
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