बिज़नेस

भारत और नीदरलैंड्स ने आर्थिक साझेदारी को मजबूत करने के लिए संयुक्त व्यापार और निवेश समिति बनाने की घोषणा की

भारत और नीदरलैंड्स ने आज एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) के माध्यम से भारत-नीदरलैंड्स संयुक्त व्यापार और निवेश समिति (जेटीआईसी) की स्थापना की घोषणा की। यह दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार, निवेश और आर्थिक सहयोग को और मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक कदम है। नीदरलैंड्स के विदेश मंत्री डेविड वान वील की भारत यात्रा और केंद्रीय विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर के साथ उनकी द्विपक्षीय बैठक के अवसर पर आज भारत सरकार के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय और नीदरलैंड्स के विदेश मंत्रालय के बीच हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापन की औपचारिक घोषणा की गई।

इस समझौता ज्ञापन में जेटीआईसी की स्थापना का प्रावधान है, जो व्यापार और निवेश मामलों पर नियमित बातचीत और सहयोग के लिए एक औपचारिक संस्थागत ढांचा है। जेटीआईसी द्विपक्षीय व्यापार संबंधों की समीक्षा करने, दोनों पक्षों के बीच निवेश को बढ़ावा देने, निवेश और व्यापार संबंधी बाधाओं को दूर करने और पारस्परिक हित के क्षेत्रों में सहयोग की संभावनाओं का पता लगाने के लिए एक समर्पित तंत्र के रूप में कार्य करेगा।

समझौता ज्ञापन के तहत जेटीआईसी की वार्षिक बैठक बारी-बारी से भारत और नीदरलैंड्स में होगी, जिससे संस्थागत स्तर पर निरंतरता और निरंतर जुड़ाव सुनिश्चित होगा। जेटीआईसी की सह-अध्यक्षता भारत सरकार के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के वाणिज्य विभाग के अतिरिक्त सचिव और नीदरलैंड्स के विदेश मामलों के मंत्रालय के महानिदेशक (विदेशी आर्थिक संबंध) करेंगे। इसमें दोनों पक्षों के प्रतिनिधिमंडल शामिल होंगे, जिनमें सरकारी अधिकारी और नामित अन्य सदस्य शामिल होंगे। जेटीआईसी के उद्देश्य निम्नलिखित हैं-

  1. व्यापार और निवेश संबंधी बाधाओं की पहचान और उन्हें दूर करने में योगदान देना;
  2. सहयोग के प्रमुख क्षेत्रों सहित व्यापार और निवेश को सुगम बनाने के उपायों की पहचान में योगदान देना;
  3. दोनों देशों के विभिन्न वाणिज्य और उद्योग चैंबर्स के बीच समन्वय को बढ़ावा देना; विशेष रूप से सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) के क्षेत्र में;
  4. पारस्परिक हित के क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के लिए संभावनाओं का पता लगाने, जिसमें आवश्यकतानुसार निजी क्षेत्र और सरकारों के बीच परामर्श आयोजित करना शामिल है, ताकि द्विपक्षीय व्यापार और निवेश प्रवाह को बढ़ाया जा सके, जिसमें तकनीकी जानकारी का आदान-प्रदान और तकनीकी नवाचार का हस्तांतरण शामिल है, विशेष रूप से लघु और सूक्ष्म क्षेत्र में।

समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर भारत और नीदरलैंड्स की अपनी आर्थिक साझेदारी को मजबूत करने, अनुकूल और विविध आपूर्ति शृंखलाओं को बढ़ावा देने और सतत व समावेशी विकास को बढ़ावा देने के लिए साझा प्रतिबद्धता को दर्शाता है। यह भारत-नीदरलैंड्स संबंधों के रणनीतिक आयाम को मजबूत करते हुए द्विपक्षीय और बहुपक्षीय जुड़ावों को भी पूरा करता है।

दोनों पक्षों ने इस बात पर विश्वास व्यक्त किया कि समझौता ज्ञापन के तहत स्थापित जेटीआईसी पारस्परिक रूप से लाभकारी व्यापार और निवेश परिणामों को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

Editor

Recent Posts

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने मध्य प्रदेश के धार और बेतूल में पीपीपी मॉडल आधारित चिकित्सा महाविद्यालयों के भूमि पूजन में भाग लिया

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने आज धार और बेतूल जिलों में अभिनव सार्वजनिक-निजी भागीदारी…

3 घंटे ago

केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल ने देश की सबसे बड़ी जलविद्युत परियोजना की पहली इकाई के वाणिज्यिक परिचालन का उद्घाटन किया

केंद्रीय विद्युत, आवास और शहरी कार्य के मंत्री मनोहर लाल ने आज वर्चुअल मोड के…

3 घंटे ago

कोयला मंत्रालय के नामित प्राधिकरण ने आज वाणिज्यिक कोयला ब्लॉकों की नीलामी के 14वें चरण के लिए बोलियां आमंत्रित कीं

कोयला मंत्रालय के नामित प्राधिकरण ने आज वाणिज्यिक कोयला ब्लॉकों की नीलामी के 14वें चरण…

5 घंटे ago

उपराष्ट्रपति ने नई दिल्ली में एआई विकास पर आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन – एआई का महाकुंभ – को संबोधित किया

उपराष्ट्रपति सी.पी. राधाकृष्णन ने आज गुरु गोविंद सिंह इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय द्वारा अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा…

6 घंटे ago

राष्ट्रपति ने ‘जन-केंद्रित राष्ट्रीय सुरक्षा : विकसित भारत के निर्माण में सामुदायिक भागीदारी’ विषय पर आईबी शताब्दी वृत्ति व्याख्यान को संबोधित किया

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने आज नई दिल्ली में 'जन-केंद्रित राष्ट्रीय सुरक्षा: विकसित भारत के निर्माण…

7 घंटे ago

राष्‍ट्रीय किसान दिवस आज पूरे देश में मनाया जा रहा है

राष्‍ट्रीय किसान दिवस आज पूरे देश में मनाया जा रहा है। यह दिन देश के…

8 घंटे ago