भारत सरकार और उज़्बेकिस्तान गणराज्य की सरकार ने द्विपक्षीय निवेश संधि (बीआईटी) की है। इस संधि पर केंद्रीय वित्त और कॉर्पोरेट मामलों की मंत्री निर्मला सीतारमण और उज़्बेकिस्तान के उप प्रधानमंत्री खोदजायेव जमशेद अब्दुखाकिमोविच ने आज ताशकंद में हस्ताक्षर किए।
भारत और उज़्बेकिस्तान के बीच बीआईटी प्रासंगिक अंतरराष्ट्रीय उदाहरणों और प्रथाओं को देखते हुए भारत में उज़्बेकिस्तान के निवेशकों और उज़्बेकिस्तान गणराज्य में भारतीय निवेशकों को उचित सुरक्षा का आश्वासन देता है। यह आराम के स्तर को बढ़ाने के साथ न्यूनतम मानक के बर्ताव और गैर-भेदभाव का आश्वासन देकर निवेशकों के विश्वास को बढ़ाएगा। यह मध्यस्थता के माध्यम से विवाद निपटान के लिए स्वतंत्र मंच भी प्रदान करेगा। बीआईटी निवेश को ज़ब्ती से सुरक्षा प्रदान करता है। यह पारदर्शिता, स्थानांतरण और नुकसान के लिए मुआवजा प्रदान करता है। हालाँकि, ऐसे निवेशक और निवेश को सुरक्षा प्रदान करते समय, राज्य के विनियमन के अधिकार के संबंध में संतुलन बनाए रखा गया है और इस तरह पर्याप्त नीतिगत स्थान प्रदान किया गया है।
बीआईटी पर हस्ताक्षर आर्थिक सहयोग बढ़ाने और अधिक मजबूत एवं लचीला निवेश वातावरण बनाने के प्रति दोनों देशों की साझा प्रतिबद्धता को दर्शाता है। बीआईटी से द्विपक्षीय निवेश में वृद्धि का मार्ग प्रशस्त होने की आशा है, जिससे दोनों देशों में व्यवसायों और अर्थव्यवस्थाओं को लाभ होगा।
टेलीमेटिक्स विकास केंद्र (सी-डॉट) ने मिशन क्रिटिकल कम्युनिकेशन सिस्टम (एमसीएक्स) सॉल्यूशन के संयुक्त विकास के…
रक्षा मंत्रालय ने ‘खरीद (भारतीय)’ श्रेणी के तहत 2,095.70 करोड़ रुपये की कुल लागत से…
विदेश मंत्रालय ने पासपोर्ट सेवा कार्यक्रम के उन्नत संस्करण को जारी किया है। मंत्रालय ने…
भारत सरकार ने दो पारंपरिक लेप्चा वाद्ययंत्रों - तुंगबुक और पुमटोंग पुलित - को जी…
बोत्सवाना ने प्रोजेक्ट चीता के अंतर्गत भारत को आज प्रतीकात्मक रूप से चीते सौंपे। इस…
बांग्लादेश में, अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण ने अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना और उनके दो पूर्व शीर्ष…