भारत और अमेरिका ने चोरी हुई भारतीय कलाकृतियों को अमेरिका से वापस लाने के लिए एक सांस्कृतिक संपत्ति समझौते पर हस्ताक्षर किया है। इसके अंतर्गत दोनों देश पुरातात्विक सामग्रियों के अवैध व्यापार, आयात, निर्यात और तस्करी को रोकने के लिए मिलकर काम करेंगे। यह अमेरिका के साथ भारत का पहला सांस्कृतिक संपत्ति समझौता है।
नई दिल्ली में संस्कृति और पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने इस समझौते को ऐतिहासिक बताया और कहा कि इससे दोनों देशों के बीच साझेदारी मजबूत होगी और अंतर-सांस्कृतिक विकास को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने बताया कि यह समझौता भारत में पिछले साल हुए जी-20 शिखर सम्मेलन के बाद से अमेरिका के साथ एक साल की लंबी चर्चा के बाद हुआ है। गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि अवैध रूप से अर्जित की गयी कलाकृतियों के वापस आने से समुदायों को अपनी विरासत को पुनः प्राप्त करने और सुरक्षित रखने का अधिकार मिलेगा।
भारत में अमेरिका के राजदूत एरिक गार्सेटी ने कहा कि यह भारत को अमेरिका के 30वें द्विपक्षीय सांस्कृतिक संपत्ति समझौते का भागीदार बनने और उसका उचित हिस्सा दिलाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। एरिक गार्सेटी ने विशेष रूप से सांस्कृतिक कूटनीति के माध्यम से भारत के साथ अपनी साझेदारी को मजबूत करने की अमेरिका की प्रतिबद्धता को भी दोहराया है।
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