भारतीय मोबिलिटी उद्योग के वर्ष 2030 तक दोगुना होने और छह सौ अरब अमरीकी डॉलर को पार करने की संभावना है। थिंक टैंक गुगल और बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप की रिपोर्ट में कहा गया है कि इलेक्ट्रिक, शेयर्ड और कनेक्टेड मोबिलिटी जैसे उभरते राजस्व क्षेत्र इस उद्योग में वर्ष 2030 तक 100 अरब अमरीकी डॉलर का योगदान कर सकते हैं, जबकि अधिकांश राजस्व नए इंटरनल कम्बसन इंजन-आईसीई की बिक्री सहित वाहनों, वित्त और बीमा जैसे क्षेत्रों से आने की उम्मीद है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि इस क्षेत्र में कार्य कर रहे लोगों ने इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग बुनियादी ढांचे की अनुपलब्धता, वाहन की अधिक लागत, बैटरी की लाइफ और मॉडल को लेकर भी चिंता व्यक्त की है। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में लगभग 80 प्रतिशत लोगों में इन्फोटेनमेंट, रियल-टाइम पार्किंग सहायता और चोरी रोकने जैसी सुविधाओं की भारी मांग है, जबकि रिमोट कंट्रोल जैसी विश्व स्तर पर लोकप्रिय सुविधाओं की मांग अपेक्षाकृत कम है।
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