भारतीय कैथोलिक बिशप कॉन्फ्रेंस-सीबीसीआई ने कहा है कि मौजूदा केंद्रीय वक्फ अधिनियम के कुछ प्रावधान संविधान के अनुसार असंगत हैं। सीबीसीआई ने कहा कि वक्फ बोर्ड ने केरल के मुनंबम क्षेत्र में 600 से अधिक परिवारों की पैतृक आवासीय संपत्तियों को वक्फ भूमि घोषित करने के लिए इन प्रावधानों का गलत इस्तेमाल किया है। सीबीसीआई ने आज कहा कि पिछले तीन वर्षों में, यह मुद्दा एक जटिल कानूनी विवाद बन गया है और केवल एक कानूनी संशोधन ही इसका स्थायी समाधान प्रदान कर सकता है।
सीबीसीआई ने कहा कि वक्फ संशोधन विधेयक केरल में मुनंबम सहित भूमि मुद्दों का स्थायी समाधान प्रदान करेगा। सीबीसीआई ने राजनीतिक दलों और विधायकों से इस मुद्दे पर निष्पक्ष और रचनात्मक दृष्टिकोण अपनाने का आग्रह किया है। इसमें कहा गया है कि भारतीय संविधान के सिद्धांतों के विपरीत किसी भी प्रावधान या कानून में संशोधन किया जाना चाहिए और साथ ही संविधान से प्राप्त धार्मिक अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा की जानी चाहिए।
अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि सीबीसीआई ने राजनीतिक दलों से वक्फ संशोधन विधेयक का समर्थन करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि राजनीति में शामिल लोगों का देश के लोगों की समस्याओं और चुनौतियों का ध्यान रखने और उनका समाधान करने का कर्तव्य है।
उन्होंने कहा कि उदाहरण के लिए केरल के मुनंबम में सैकड़ों परिवार और पूरे भारत में अनगिनत लोग पीड़ित हैं और अपनी संपत्तियों और घरों की सुरक्षा के लिए समाधान तलाश रहे हैं।
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