सरकार ने शुक्रवार को सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों (पीएसयू)- एनएचपीसी, एसजेवीएन और ‘सेकी’ को नवरत्न का दर्जा दे दिया।
एनएचपीसी ने बयान में कहा, “वित्त मंत्रालय के सार्वजनिक उद्यम विभाग द्वारा 30 अगस्त, 2024 को जारी आदेश के अनुसार, एनएचपीसी को ‘नवरत्न कंपनी’ घोषित किया गया है, जिससे इसे अधिक परिचालन और वित्तीय स्वायत्तता प्राप्त होगी।” एनएचपीसी के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक (सीएमडी) आर के चौधरी ने कहा, “यह एनएचपीसी के लिए ऐतिहासिक क्षण है और हमारी उल्लेखनीय वित्तीय और परिचालन उपलब्धियों को मान्यता प्रदान करता है। एनएचपीसी भारतीय विद्युत क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कंपनी रही है और इसने देश की पनबिजली क्षमता का दोहन करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।” फरीदाबाद स्थित एनएचपीसी बिजली मंत्रालय के तहत मिनी रत्न श्रेणी-1 इकाई के रूप में काम कर रही थी। चौधरी ने कहा कि कंपनी पवन और सौर ऊर्जा विकल्पों में भी विविधता लाई है।
इस बीच, शिमला स्थित एसजेवीएन ने कहा कि उसे भी सरकार से नवरत्न का दर्जा मिला है। कंपनी ने शेयर बाजार को दी सूचना में कहा, “वित्त मंत्रालय के लोक उद्यम विभाग ने अपने पत्र संख्या पीडी-I26/0004/2024-डीपीई दिनांक 30 अगस्त, 2024 के माध्यम से एसजेवीएन लिमिटेड को ‘नवरत्न’ का दर्जा प्रदान किया है।” एसजेवीएन लिमिटेड एक मिनी रत्न, श्रेणी-1 और अनुसूची-ए’ सीपीएसई है। इसे 24 मई, 1988 को भारत सरकार और हिमाचल प्रदेश सरकार (जीओएचपी) के संयुक्त उद्यम के रूप में शामिल किया गया था।
नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (एमएनआरई) ने एक बयान में कहा कि सरकार ने सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेकी) को भी नवरत्न का दर्जा दिया है। नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के अंतर्गत आने वाली सेकी नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं की नीलामी के लिए केंद्र सरकार की एक नोडल एजेंसी है।
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