प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज जापान के विभिन्न प्रांतों के गवर्नरों से मुलाकात की। इस बातचीत में 16 गवर्नरों ने भाग लिया।
अपने संबोधन में, प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत-जापान के समकालीन संबंध, दोनों देशों के बीच सदियों पुराने सभ्यतागत संबंधों से शक्ति प्राप्त करते हुए, निरंतर फल-फूल रहे हैं। विभिन्न क्षेत्रों में भारत-जापान विशेष रणनीतिक और वैश्विक साझेदारी की गति पर प्रकाश डालते हुए, उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि अब समय आ गया है कि टोक्यो और दिल्ली तक सीमित संबंधों से आगे बढ़कर राज्य-प्रांत संबंधों को नए सिरे से बढ़ावा दिया जाए। इस संदर्भ में, उन्होंने 15वें वार्षिक शिखर सम्मेलन में शुरू की गई राज्य-प्रांत साझेदारी से जुड़ी पहल पर प्रकाश डाला, जिससे दोनों देशों के बीच व्यापार, प्रौद्योगिकी, पर्यटन, कौशल, सुरक्षा और सांस्कृतिक संबंधों को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने गवर्नरों और भारतीय राज्य सरकारों से इस नई पहल का लाभ उठाने और विनिर्माण, प्रौद्योगिकी, नवाचार, गतिशीलता, अगली पीढ़ी के बुनियादी ढांचे, स्टार्ट-अप और एसएमई के क्षेत्र में साझेदारी कायम करने का आग्रह किया।
जापान के हर प्रांत की अपनी विशिष्ट आर्थिक और तकनीकी शक्तियों और इसी प्रकार भारतीय राज्यों की भी विविध क्षमताओं को देखते हुए, प्रधानमंत्री ने गवर्नरों को भारत की विकास गाथा में भागीदार बनने के लिए आमंत्रित किया। उन्होंने उनसे दोनों देशों द्वारा की गई युवाओं और कौशल के आदान-प्रदान से जुड़ी प्रतिबद्धताओं में योगदान देने और जापानी तकनीक को भारतीय प्रतिभा के साथ सर्वोत्तम रूप से संयोजित करने का आग्रह किया। गवर्नरों ने कहा कि भारत-जापान व्यापार, शैक्षिक, सांस्कृतिक और लोगों के बीच संबंधों को महत्वाकांक्षा के अगले स्तर तक ले जाने के लिए उप-राष्ट्रीय सहयोग महत्वपूर्ण है।
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