प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि स्वास्थ्य से लेकर सामाजिक सुरक्षा तक- देश सभी क्षेत्रों में तेजी से आगे बढ रहा है। आकाशवाणी से आज मन की बात कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज देश की जनता किसी न किसी प्रकार की सामाजिक सुरक्षा का लाभ ले रही है। उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन की रिपोर्ट का उल्लेख किया जिसमें कहा गया है कि देश की 64 प्रतिशत से ज्यादा आबादी को कोई न कोई सामाजिक सुरक्षा मिल रही है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज देश की लगभग 95 करोड़ जनता सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का लाभ उठा रही है और इस प्रकार भारत सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने वाले दुनिया के सबसे बड़े देशों में शामिल है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2015 तक 25 करोड़ से भी कम लोगों तक सरकारी योजनाओं की पहुंच थी। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सरकार की हाल की सफलताओं से लोगों में यह विश्वास पैदा हुआ है कि आने वाला समय बेहतर होगा तथा भारत हर मामले में अधिक मजबूत बनकर उभरेगा।
प्रधानमंत्री ने विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट का भी उल्लेख किया जिसमें भारत को आंखों की बीमारी ट्रोकोमा से मुक्त घोषित किया गया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह उन लाखों स्वास्थ्य कर्मियों के अथक प्रयासों का फल है जिन्होंने इस बीमारी से लड़ाई लड़ी। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इसके उन्मूलन में स्वच्छ भारत अभियान और जल जीवन मिशन से भी काफी मदद मिली है। उन्होंने कहा कि इस उपलब्धि से देश में सामाजिक न्याय मजबूत हुआ है।
आपातकाल का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि जन-भागीदारी से बड़े से बड़े संकटों का मुकाबला किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि यह भारत की जनता का सामर्थ्य है कि वह झुकी नहीं, टूटी नहीं और लोकतंत्र के साथ कोई समझौता नहीं किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि आपातकाल लगाने वालों ने न सिर्फ संविधान की हत्या की, बल्कि उनका इरादा न्यायपालिका को भी गुलाम बनाने का था। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इस दौरान कई लोगों को कठोर यातनाएं दी गई, छात्रों को परेशान किया गया और अभिव्यक्ति की आजादी का गला घोटा गया। उन्होंने कहा कि कुछ ही दिन पूर्व आपातकाल थोपे जाने के 50 वर्ष पूरे हुए और देशवासियों ने इसे संविधान हत्या दिवस के रूप में मनाया। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमें उन सभी लोगों को स्मरण रखना चाहिए जिन्होंने आपातकाल का डटकर मुकाबला किया। इससे हमें संविधान को सशक्त बनाए रखने के लिए निरंतर सजग रहने की प्रेरणा मिलती है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इस महीने की 21 तारीख को आयोजित अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस में दुनियाभर के करोड़ों लोगों ने हिस्सा लिया। उन्होंने कहा कि अधिक से अधिक लोग अपने दैनिक जीवन में योग को अपना रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि विशाखापत्त्नम के समुद्र तट पर तीन लाख से अधिक लोगों ने एक साथ योग किया और दो हजार से अधिक आदिवासी छात्रों ने एक सौ आठ मिनट तक एक सौ आठ सूर्य नमस्कार किए। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस वर्ष के योग दिवस का विषय- ‘एक पृथ्वी–एक स्वास्थ्य‘ भी बहुत खास था। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ एक नारा नहीं है, बल्कि एक दिशा है, जो हमें वसुधैव कुटुंबकम् का एहसास कराती है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कैलास मानसरोवर यात्रा, अमरनाथ यात्रा और जगन्नाथ रथा यात्रा की भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि उत्तर से दक्षिण और पूर्व से पश्चिम तक- ये यात्राएं एक भारत श्रेष्ठ भारत के भाव का प्रतिबिम्ब हैं। उन्होंने कहा कि ये धार्मिक यात्राएं सेवा के अवसरों का एक महा अनुष्ठान भी होती हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि जब कोई भी यात्रा होती है, तो जितने लोग यात्रा पर जाते हैं, उससे ज्यादा लोग तीर्थ यात्रियों की सेवा के काम में जुटते हैं। उन्होंने कहा कि लोग जगह-जगह भंडारे और लंगर तथा सड़कों के किनारे प्याऊ लगवाते हैं। सेवा भाव से चिकित्सा शिविर और सुविधाओं की व्यवस्था की जाती है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज असम में बोडोलैंड एक नई पहचान के साथ सामने आया है। उन्होंने कहा कि बोडोलैंड के युवाओं में जो ऊर्जा और आत्मविश्वास है, वह फुटबॉल के मैदान में सबसे अधिक दिखता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि बोडो प्रादेशिक क्षेत्र में बोडोलैंड सीईएम कप का आयोजन हो रहा है, जो एकता और उम्मीद का उत्सव बन गया है। उन्होंने कहा कि तीन हजार सात सौ से अधिक टीमें, करीब 70 हजार खिलाड़ी और उनमें भी बड़ी संख्या में बेटियों की भागीदारी बोडोलैंड में हो रहे बड़े बदलाव की गाथा सुना रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि अब बोडोलैंड देश के खेल नक्शे पर अपनी चमक और बढ़ा रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि जिस तरह भारत क्षेत्रीय, भाषाई और सांस्कृतिक विविधता के लिए जाना जाता है उसी तरह कला, शिल्प और कौशल की विविधता भी हमारे देश की एक बड़ी खूबी है। मेघालय के एरी सिल्क का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि यह मेघालय की एक धरोहर है जिसे हाल ही में जीआई टैग मिला है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मेघालय की जनजातियों ने विशेषकर खासी समाज के लोगों ने इसे पीढि़यों से सहेजकर रखा है और अपने कौशल से समृद्ध किया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस सिल्क को हासिल करने के लिए रेशम के कीड़ों को मारा नहीं जाता, इसलिए इसे अहिंसा सिल्क भी कहा जाता है। उन्होंने कहा कि आजकल दुनिया में ऐसे उत्पादों की मांग तेजी से बढ़ रही है जिनमें हिंसा न हो और प्रकृति पर कोई दुष्प्रभाव न पड़े।
प्रधानमंत्री ने कहा कि महिलाओं के नेतृत्व में विकास का मंत्र भारत का नया भविष्य गढ़ने के लिए तैयार है। देश की महिलाएं न सिर्फ अपने को, बल्कि पूरे समाज को नई दिशा दे रही हैं। तेलंगाना के भद्राचलम की महिलाओं की सफलता का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि जो महिलाएं कभी खेतों में मजदूरी करती थीं, वे अब श्रीअन्न से बिस्कुट बना रही हैं। भद्रगिरी मिलेट मैजिक नाम से ये बिस्कुट हैदराबाद से लंदन तक जा रहे हैं। उन्होंने गिरी सैनिटरी पैड्स का उत्पादन भी किया है। सिर्फ तीन महीनों में 40 हजार पैड्स तैयार किए गए जिन्हें बहुत ही सस्ती कीमत पर स्कूलों और आसपास के कार्यालयों में पहुंचाया गया।
प्रधानमंत्री ने मध्य प्रदेश की सुमा उइके की चर्चा की जिन्होंने बालाघाट जिले के कटंगी प्रखंड में स्व-सहायता समूह से जुड़कर मशरूम की खेती और पशुपालन का प्रशिक्षण लिया और आत्मनिर्भरता हासिल की। आय बढ़ने के साथ ही उन्होंने अपने व्यवसाय का विस्तार भी किया। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि छोटे से प्रयास से शुरू हुआ यह सफर अब दीदी कैंटीन और थर्मल थैरेपी सेंटर तक पहुंच चुका हैं। उन्होंने कहा कि देश के कोने कोने में ऐसी अनगिनत महिलाएं अपना और देश का भाग्य बदल रही हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पिछले महीने भगवान बुद्ध के पवित्र अवशेष भारत से वियतनाम ले जाए गए और उन्हें नौ स्थानों पर जनता के दर्शन के लिए रखा गया था। भारत की ये एक पहल वियतनाम के लिए राष्ट्रीय उत्सव बन गई और करीब दस करोड़ लोगों की आबादी वाले वियतनाम में डेढ़ करोड़ से ज्यादा लोगों ने भगवान बुद्ध के पवित्र अवशेषों के दर्शन किए। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ दिनों में वियतनाम के बहुत से लोगों ने विभिन्न माध्यमों से संदेश भेजकर भगवान बुद्ध के पवित्र अवशेषों के दर्शन कराने के लिए भारत के प्रति अपना आभार प्रकट किया। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भगवान बुद्ध के संदेशों में पूरी दुनिया, समस्त संस्कृतियों और लोगों को एकजुट रखने की क्षमता है। उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि वे अपने राज्य के बौद्ध स्थलों की यात्रा अवश्य करें।
इस महीने के शुरू में आयोजित विश्व पर्यावरण दिवस के संदर्भ में प्रधानमंत्री मोदी ने पुणे के रमेश खरमाले की चर्चा की, जिन्होंने अपने परिवार के साथ मिलकर जुन्नर की पहाडि़यों में सिर्फ दो महीनों में 70 खाइयां बना दीं, ताकि वहां पानी को रोका जा सके और बीज बोए जा सकें। उन्होंने कहा कि रमेश खरमाले ने कई सारे छोटे तालाब बनाए हैं, सैकड़ों पेड़ लगाए हैं और एक ऑक्सीजन पार्क भी बनवा रहे हैं। इसका नतीजा यह हुआ है कि यहां अब पक्षी लौटने लगे हैं और वन्य जीवन को नई सांसें मिल रही हैं।
प्रधानमंत्री ने गुजरात के अहमदाबाद शहर में नगर निगम के लाखों पेड़ लगाने के अभियान की चर्चा की। उन्होंने कहा कि इस अभियान की एक खास बात है – सिंदूर वन। यह वन ऑपरेशन सिंदूर के वीरों को समर्पित है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि एक पेड़ मां के नाम अभियान के तहत देश में करोड़ों पेड़ लगाए जा चुके हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि छोटी-छोटी आदतें जब सामूहिक संकल्प बन जाती हैं, तो बड़ा बदलाव तय हो जाता है। उन्होंने महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजी नगर जिले की पाटोदा ग्राम पंचायत की चर्चा की, जो कार्बन मुक्त है। उन्होंने कहा कि इस ग्राम पंचायत में हर घर से कचरा इकट्ठा करने की पूरी व्यवस्था है और कोई अपने घर के बाहर कचरा नहीं फेंकता। यहां गंदे पानी का शोधन भी होता है और बिना साफ किए कोई पानी नदी में नहीं जाता।
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